कलमाड़ी को कुर्सी की तरफ न देखने की नसीहत
२५ जनवरी २०१२टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार से बातचीत में माकन ने कहा कि भारतीय ओलंपिक संघ आईओए की प्रमुखता किसी ऐसे व्यक्ति को नहीं करनी चाहिए जिस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हों. उन्होंने कहा, "सबसे पहले तो उन्हें (सुरेश कलमाड़ी) को अपने खिलाफ सारे आरोप खत्म करने चाहिए, उसके बाद ही वह इस तरह के पद पर रह सकते हैं."
2010 के कॉमनवेल्थ खेल घोटाले के सिलसिले में कलमाड़ी नौ महीने जेल में बिता कर पिछले हफ्ते जमानत पर रिहा हुए. कलमाड़ी ने ओलंपिक संघ के प्रमुख के पद से अब तक इस्तीफा नहीं दिया है . लेकिन फिलहाल उनकी जगह बीजेपी नेता विजय कुमार मल्होत्रा प्रमुख की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. माकन का कहना है, "जहां तक आईओए के काम का सवाल है, इसमें मंत्रालय दखल नहीं देता. जहां तक मुद्दे का सवाल है तो मंत्रालय इस बात से खुश नहीं है कि कलमाड़ी आईओए के प्रमुख बनकर आएं, इससे पहले कि उनके खिलाफ सारे आरोप मिट जाएं."
इस बीच आईओए ने इस मुद्दे पर विचार के लिए एक बैठक बुलवाई है. एक प्रेस रिलीज में मल्होत्रा ने कहा कि आईओए ने अपने कार्यकारी बोर्ड के सदस्यों को बुलाया है और वे इस मामले पर भी बातचीत करेंगे. हालांकि बैठक कब होगी, यह अब तक तय नहीं है.
आईओए प्रमुख की हैसियत से कलमाड़ी पर अब भी सवालिया निशान है. आईओए की नीति समिति के प्रमुख यूसी बैनर्जी के मुताबिक कलमाड़ी और उनके सहायकों को छह दिसंबर को निलंबित कर दिया गया था. हालांकि उसके बाद नीति समिति को भी खत्म कर दिया गया. आईओए प्रमुख मल्होत्रा का कहना है कि उनके पास कलमाड़ी के निलंबित होने के बारे में कोई जानकारी नहीं है. उधर बैनर्जी खुद कहते हैं कि कलमाड़ी और उनके करीबी ललित भनोट और वीके वर्मा निलंबित हैं. जहां तक नीति समिति के खत्म होने की बात है, बैनर्जी कहते हैं कि उन्हें औपचारिक तौर पर कोई खबर नहीं मिली है.
रिपोर्टः पीटीआई/एमजी
संपादनः ओ सिंह