काहिरा में खूनी सांप्रदायिक झड़प
८ मई २०११काहिरा में कुछ समय से कट्टरपंथी सलाफी मुस्लिमों और अल्पसंख्यक ईसाइयों के बीच सांप्रदायिक तनाव सुगबुगा रहा था. इसे राष्ट्रपति मुबारक का तख्ता पलटे जाने के बाद अस्थाई सैनिक शासकों के लिये एक बड़ी चुनौती माना जा रहा है.
चर्च पर झगड़ा
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इस बार काहिरा के इम्बाबा इलाके में स्थित सेंट मीना गिरजे को लगभग 500 कट्टरपंथी सलाफी मुस्लिमों ने घेर लिया था. उनका कहना था कि गिरजे में एक महिला को रखा गया है, जो अब इस्लाम कबूल कर चुकी है.
गिरजे के गार्डों और पड़ोसियों के साथ उनकी कहासुनी के कुछ ही देर बाद संघर्ष भड़क उठा, जिसमें दोनों ओर से गोलियां चलाई गईं और बम फेंके गए. दोनों पक्षों को अलग थलग करने के लिये सैनिकों ने हवाई फायर किये व आंसू गैस के गोले फेंके.
कई घायल गंभीर
सुरक्षा बलों के एक सूत्र ने मृतकों की संख्या 6 बताई है और कहा है कि 75 लोग घायल हुए हैं. दूसरी ओर, गिजा प्रांत के स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख अब्देल हलीम अल बेहइरी का कहना है कि 5 लोग मारे गए हैं व 54 घायल हुए हैं. उन्होंने कहा कि तीन घायलों की दशा गंभीर है.
मिस्र की 8 करोड़ की आबादी में ईसाइयों की संख्या लगभग 10 फीसदी है. मुसलमानों के प्रमुख धार्मिक नेता ग्रैंड मुफ्ती अली गोमा ने दोनों संप्रदायों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा है कि मिस्र के लोगों को इस समय अशांति रोकने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होना पड़ेगा. उन्होंने सैन्य परिषद से मांग की है कि मिस्र की सुरक्षा से छेड़छाड़ करने वालों को रोका जाए.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ
संपादन: वी कुमार