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काहिरा में खूनी सांप्रदायिक झड़प

८ मई २०११

मिस्र की राजधानी काहिरा में ईसाई अल्पसंख्यकों के साथ सांप्रदायिक झड़प में कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई है. स्थिति इस बीच काबू में बताई जा रही है.

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epa02583307 Iranian demonstrators clash with Iranian riot-police during a demonstration in Tehran, Iran, 14 February 2010. The opposition reported that tear gas had been fired near Tehran's University and Azadi Square in the west of the city after protesters broke their initial silence and, shouting 'death to dictator', called for Iranian leaders to be toppled like their Arab counterparts. The Azadi, or 'Freedom', Square was the final stop for the protesters, who are hoping to turn it into the Iranian version of Cairo's Tahrir Square - the focal point of the Egyptian public demonstrations that led to former president Hosni Mubarak's resignation. NOTE: FOLLOWING AN OFFICIAL BAN ON FOREIGN MEDIA OUTLETS COVERING DEMONSTRATIONS IN IRAN, EPA IS OBLIGED TO USE PICTURES FROM OTHER SOURCES, AND CANNOT VERIFY ITS AUTHENTICITY EPA/STRINGER +++(c) dpa - Bildfunk+++
तस्वीर: picture alliance/dpa

काहिरा में कुछ समय से कट्टरपंथी सलाफी मुस्लिमों और अल्पसंख्यक ईसाइयों के बीच सांप्रदायिक तनाव सुगबुगा रहा था. इसे राष्ट्रपति मुबारक का तख्ता पलटे जाने के बाद अस्थाई सैनिक शासकों के लिये एक बड़ी चुनौती माना जा रहा है.

चर्च पर झगड़ा

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इस बार काहिरा के इम्बाबा इलाके में स्थित सेंट मीना गिरजे को लगभग 500 कट्टरपंथी सलाफी मुस्लिमों ने घेर लिया था. उनका कहना था कि गिरजे में एक महिला को रखा गया है, जो अब इस्लाम कबूल कर चुकी है.

Egyptian protesters demonstrate in Tahrir square, in Cairo, Egypt, on 06 February 2011. Anti-government protests entered their 13th straight day in Egypt, as solutions were being mulled to bring about a power shift to end the country's political paralysis. Thousands of protesters slept in Cairo's central Tahrir Square, camping out in tents and defying a curfew, while many others streamed to the area in the morning, refusing to relent on their core demand that President Hosni Mubarak step down. Foto: Hannibal dpa/lbn +++(c) dpa - Bildfunk+++
तस्वीर: picture-alliance/dpa

गिरजे के गार्डों और पड़ोसियों के साथ उनकी कहासुनी के कुछ ही देर बाद संघर्ष भड़क उठा, जिसमें दोनों ओर से गोलियां चलाई गईं और बम फेंके गए. दोनों पक्षों को अलग थलग करने के लिये सैनिकों ने हवाई फायर किये व आंसू गैस के गोले फेंके.

कई घायल गंभीर

सुरक्षा बलों के एक सूत्र ने मृतकों की संख्या 6 बताई है और कहा है कि 75 लोग घायल हुए हैं. दूसरी ओर, गिजा प्रांत के स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख अब्देल हलीम अल बेहइरी का कहना है कि 5 लोग मारे गए हैं व 54 घायल हुए हैं. उन्होंने कहा कि तीन घायलों की दशा गंभीर है.

मिस्र की 8 करोड़ की आबादी में ईसाइयों की संख्या लगभग 10 फीसदी है. मुसलमानों के प्रमुख धार्मिक नेता ग्रैंड मुफ्ती अली गोमा ने दोनों संप्रदायों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा है कि मिस्र के लोगों को इस समय अशांति रोकने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होना पड़ेगा. उन्होंने सैन्य परिषद से मांग की है कि मिस्र की सुरक्षा से छेड़छाड़ करने वालों को रोका जाए.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: वी कुमार

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