1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

किसी के हाथ की कठपुतली नहीं: मनमोहन

२९ जून २०११

चार माह बाद एक बार फिर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपनी छवि सुधारने की कवायद में बुधवार को देश के कुछ चुनिंदा वरिष्ठ संपादकों से मुलाकात की. दो घंटे तक चली इस बैठक में नईदुनिया के प्रधान संपादक आलोक मेहता भी शामिल थे.

https://p.dw.com/p/11lRt
तस्वीर: UNI

प्रधानमंत्री से मुलाकात के तुरंत बाद आलोक मेहता ने बताया कि प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में आने में कोई आपत्ति नहीं है लेकिन उनके कुछ मंत्रिमंडल के साथियों की राय अलग है. साथ ही राजनीतिक दलों में भी इस मुद्दे पर मतभेद है.

आत्मविश्वास से भरपूर मनमोहन सिंह लगभग 15 मिनट तक सभी मुद्दों पर बोले. उन्होंने कहा, "मैं भ्रष्टाचार, महंगाई आदि सभी मुद्दों का समाधान चाहता हूं. मैंने शांतिपूर्ण समाधान के लिए अन्ना हजारे और बाबा रामदेव से बातचीत की पहल की और उन्हें पत्र भी लिखे."

आलोक मेहता ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व में बदलाव की अटकलों को खारिज करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया, "मुझे पद से हटाया नहीं जा रहा है और न ही मैं किसी के हाथों की नहीं कठपुतली हूं." उन्होंने कहा कि गठबंधन पर कोई खतरा नहीं है और कोई भी पार्टी चुनाव नहीं चाहती.

प्रधानमंत्री ने सोनिया गांधी के बतौर कांग्रेस अध्यक्ष के कार्यकाल की सराहना करते हुए बताया, "सोनिया जी को मुझ पर पूरा भरोसा है. राहुल को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बताने संबंधी खबरों पर उन्होंने कहा कि पार्टी जब तक चाहेगी मैं इस पद पर बना रहूंगा और पार्टी के निर्णय अनुसार कार्य करूंगा."

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उन्हें विपक्ष से ‍कोई सहयोग नहीं मिल रहा है. मारन के मुद्दे पर उन्होंने बताया कि अगर किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाई जाती है तो जांच होगी और उसके आधार पर कार्रवाई भी की जाएगी. उत्तर प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर मायावती से किसी प्रकार की बातचीत पर कहा कि वे सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के संपर्क में है और हर प्रकार की मदद देने के लिए तैयार है.

मंत्रिमंडल विस्तार के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि जल्द ही इसकी प्रक्रिया प्रारंभ होगी. वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के दफ्तर में हुई जासूसी के मामले में प्रधानमंत्री ने कहा कि वे आईबी की रिपोर्ट से संतुष्ट हैं और उन्हें नहीं लगता कि किसी प्रकार की जासूसी हुई है.

इस बैठक में आलोक मेहता के साथ ही एमके राजदान (पीटीआई), टीएन निनान (बिजनेस स्टेंडर्ड), कुमार केतकर (दिव्य मराठी) व राज चेंगप्पा (ट्रिब्यून) ने भी भाग लिया. प्रधानमंत्री की वरिष्ठ संपादकों के साथ यह दूसरी बैठक थी. इससे पहले प्रधानमंत्री ने इसी साल फरवरी में टीवी चैनलों के संपादकों से मुलाकात की थी. समाचार पत्रों के संपादकों के साथ सिंह ने आखिरी बार पिछले साल सितंबर में बातचीत की थी.

रिपोर्टः वेबदुनिया न्यूज

संपादनः ए कुमार

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी