मीडिया से मुखातिब होंगे मनमोहन सिंह
२९ जून २०११हाल के सालों में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की छवि एक ऐसे नेता के रूप में बन गई है जो देश की जनता या मीडिया से संपर्क स्थापित करने में दिलचस्पी नहीं रखते और अपने में सिमटे रहते हैं. भ्रष्टाचार के खिलाफ उठती आवाजों, लोकपाल बिल पर सिविल सोसाइटी के आंदोलन और सरकार पर प्रभावी कदम उठाने का दबाव होने के बावजूद प्रधानमंत्री चुप्पी साधे रहे. यही वजह रही कि कांग्रेस पार्टी में ही कुछ नेताओं ने कहना शुरू कर दिया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को देश से संवाद स्थापित करना चाहिए.
माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री की छवि को नया रूप देने के लिए एक बड़ी कवायद शुरू की जा रही है. इसके तहत प्रधानमंत्री मीडिया संस्थानों के संपादकों से मुलाकात करेंगे. हालांकि वह पहले भी अखबार और टीवी संपादकों से बातचीत कर चुके है लेकिन इस बार इस मुलाकात को नियमित रूप से आयोजित किए जाने की योजना बन रही है.
बुधवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह देश के पांच बड़े संपादकों से मुलाकात करेंगे और उनका कार्यालय इस बातचीत को जारी करेगा. इसके जरिए मनमोहन सिंह अहम मुद्दों पर यूपीए सरकार का रुख स्पष्ट करने का प्रयास करेंगे. सरकार पर दिशाहीन होने के लगते आरोपों का भी जवाब दिए जाने की तैयारी है.
प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहकार हरीश खरे ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया, "मुझे उम्मीद है कि संपादकों और प्रधानमंत्री के बीच बातचीत के इस सिलसिले को इसी रूप में आगे भी जारी रखा जा सकेगा." इस साल यह दूसरी बार है जब मनमोहन सिंह संपादकों के साथ बैठक कर रहे हैं. टीवी चैनलों के संपादकों के सवालों के जवाब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस साल फरवरी में दिए. पिछले साल सितंबर में उन्होंने अखबारों के संपादकों से मुलाकात की थी.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ओ सिंह