कैबिनेट से दयानिधि मारन का इस्तीफा
७ जुलाई २०११भारत के कपड़ा मंत्री दयानिधि मारन ने केंद्रीय कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है. एक दिन पहले ही सीबीआई ने कहा था कि वह मारन की भूमिका की जांच टेलीकॉम घोटाले में कर रही है. मारन का इस्तीफा केंद्रीय कैबिनेट में फेरबदल के ठीक पहले हुआ है. ऐसा माना जा रहा है कि कैबिनेट में फेरबदल अगले हफ्ते हो सकता है. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर दबाव था कि वह मारन को कैबिनेट से हटाए ताकि सरकार की छवि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में और साफ नजर आए.
राजा के बाद मारन की बारी
मारन 2004 से 2007 तक टेलीकॉम मंत्री रह चुके हैं. मारन जब कैबिनेट की मीटिंग से बाहर निकले तो टीवी पत्रकारों ने उनके इस्तीफे के बारे पूछा लेकिन उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. मारन पर आरोप है कि उन्होंने एयरसेल को लाइसेंस दिलाने में मदद की और बाद में उसके मालिक को कंपनी की हिस्सेदारी बेचने पर मजबूर किया. मारन ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है. वे इस्तीफा देने वाले भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे डीएमके के दूसरे मंत्री हैं.
सरकार के लिए बड़ी मुश्किल
मनमोहन सिंह का दूसरा कार्यकाल भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरा है. जनता में भ्रष्टाचार को लेकर रोष है. सरकार भी अपने मुख्य मुद्दे से हटती नजर आ रही है. योजना और आर्थिक सुधार जैसे अहम मुद्दों पर भ्रष्टाचार का मुद्दा अहम साबित हो रहा है. मारन के साथी और पूर्व टेलीकॉम मंत्री ए राजा पहले से ही जेल में बंद है. राजा पर आरोप है कि उन्होंने मंत्री पद का गलत इस्तेमाल किया और कंपनियों को घूस के बदले महंगे टेलीकॉम लाइसेंस सस्ते दरों में दे दिए. राजा के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा चल रहा है. डीएमके की सांसद और पार्टी नेता करुणानिधि की बेटी कनिमोड़ी भी घोटाले के सिलसिले में पहले ही तिहाड़ जेल में बंद हैं. टेलीकॉम घोटाले के उजागर होने के बाद कांग्रेस पार्टी और डीएमके के रिश्ते में भी खटास आ गई है.
रिपोर्ट: रॉयटर्स/ आमिर अंसारी
संपादन: महेश झा