क्रिकेट से होगी फॉर्मूला वन की रेस
१८ अगस्त २०११भारत में यह रेस 30 अक्टूबर को 35 करोड़ डॉलर की लागत से ग्रेटर नोएडा में बन रहे बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट पर होगी. यह जगह राजधानी दिल्ली से ज्यादा दूर नहीं है. 5.14 किलोमीटर लंबे इस सर्किट को मशहूर जर्मन आर्किटेक्ट हरमन टिल्के ने डिजाइन किया है. इस पर अब तक काम चल रहा है लेकिन एकलस्टोन कहते है कि रेस से पहले काम पूरा हो जाएगा.
क्रिकेट के करीब जाना है
फॉर्मूला वन के बॉस का कहना है, "यह सबसे अच्छे सर्किटों में से एक होगा और समय पर पूरा हो जाएगा. लोग मेहनत कर रहे हैं और हर दिन चेकिंग भी हो रही है. यह अच्छा बनेगा." हालांकि एकलस्टोन कहते हैं कि आयोजकों को भारत में फॉर्मूला वन को लोकप्रिय बनाने के लिए अभी बहुत काम करना होगा. भारत में लोग खेल के नाम पर सिर्फ क्रिकेट को ही अहमियत देते हैं.
एकलस्टोन कहते हैं, "फॉर्मूला वन भारत में नया है. इसमें दिलचस्पी पैदा करने के लिए कोशिशें करनी होंगी. हम क्रिकेट की तो होड़ नहीं कर सकते, लेकिन कुछ ज्यादा कोशिशें करने से हम शायद उसके नजदीक तक जा सकें. भारत दुनिया का एक बड़ा हिस्सा है और हम यहां चैंपियनशिप रेस चाहते थे. जब मैं यहां आया तो जो भी यहां देखा, उससे खुशी हुई. चीजें ठीक होंगी. आखिरकार हम भारत के अच्छी चीजें करेंगे."
भारत और फॉर्मूला वन
2005 में जब भारतीय ड्राइवर नारायण कार्तिकेयन ने जॉर्डन टीम के लिए गाड़ी दौड़ाई तो भारत में लोगों का ध्यान इस खेल की तरफ गया. जॉर्डन टीम तो अब नहीं रही लेकिन इसने भारत में फॉर्मूला वन को लेकर दिलचस्पी पैदा जरूर की. कार्तिकेयन स्पेन की हिस्पानिया रेसिंग टीम के साथ हुए करार के बाद 2011 में सर्किट पर लौटे. अन्य भारतीय करुण चंढोक ने भी पिछले साल हिस्पानिया के लिए गाड़ी दौड़ाई लेकिन वह साल भर में 12 में 11वें स्थान पर रहे.
भारतीय उद्योगपति विजय माल्या की फोर्स इंडिया टीम भी इस खेल में आगे बढ़ रही है. 2007 में बनी यह टीम इस खेल को लेकर भारतीयों की बढ़ती रुचि को दिखाती है. 29 रेसों में कोई चैंपियनशिप अंक हासिल करने में नाकाम रही फोर्स इंडिया को 2009 में उस वक्त कामयाबी मिली जब बेल्जियम की ग्रां प्री में जियानकार्लो फिजिकेला दूसरे स्थान पर आए. अभी इस टीम के ड्राइवर एड्रियन सुटिल और पॉल डी रेस्टा हैं जबकि नीको ह्युलकेनबर्ग को अतिरिक्त ड्राइवर के तौर पर रखा गया है.
अहम निवेश
टेलीकॉम कंपनी एयरटेल के अधिकारी संजीव कपूर का कहना है कि वह फर्राटा रेस की इंडियन ग्रां प्री के साथ जुड़ कर बहुत खुश हैं, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि मुख्य स्पॉन्सर बनने के लिए उनकी कंपनी ने कितनी रकम चुकाई है. कपूर ने कहा, "इस तरह के आयोजन सस्ते नहीं होते. हम इस निवेश की कीमत समझते हैं.फॉर्मूला वन एक खेल है और एयरटेल एक ब्रांड है. दोनों मौजूदा बाजार में गूंज रहे हैं."
कपूर ने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया कि एयरटेल ने फॉर्मूला वन की गाड़ी में सवार होने के लिए चैंपियंस लीग ट्वेंटी20 की टाइटल स्पॉन्सरशिप से हाथ खींच लिए हैं. उन्होंने कहा, "आप ब्रांड को ध्यान में रखते हुए फैसला करते हैं." एयरटेल ने सिर्फ दो साल बाद ही चैंपियंस लीग के साथ चार करोड़ डॉलर की डील को तोड़ने का फैसला इसी महीने किया. स्थानीय मीडिया का कहना है कि कंपनी ने अलग अलग देशों की क्लब लीग में लोगों की दिलचस्पी न होने की वजह से यह फैसला किया,
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः आभा एम