क्लोजे ने बायर्न म्युनिख छोड़ा
६ जून २०११खिलाड़ी और क्लब - दोनों ने पूरी मर्यादा के साथ इस खबर को पेश किया. फुटबॉल विश्वचैंपियनशिप में सबसे अधिक गोल करने वाले मिरोस्लाव क्लोजे ने विदा लेते कहा, "यहां म्युनिख में मैंने कामयाब और खूबसूरत चार साल बिताए. इसके लिए मैं बेहद एहसानमंद हूं. इस क्लब के लिए खेलना मेरे लिए एक खास बात थी." और बायर्न म्युनिख के अध्यक्ष कार्ल हाइन्त्ज रुमेनिगे ने कहा कि यह अफसोस की बात है कि बातचीत का कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकला. उनका कहना था कि वे क्लोजे को खिलाड़ी के तौर पर रखना चाहते थे, लेकिन कॉन्ट्रैक्ट की अवधि के बारे में सहमति नहीं हो सकी.
क्लोजे ने इससे पहले कहा था कि सवाल पैसे का नहीं है. लेकिन वह चाहते थे कि कॉन्ट्रैक्ट में दो साल तक खेलने की गारंटी दी जाए. क्लब चाहता था कि एक साल का कॉन्ट्रैक्ट हो, और उसके बाद और एक साल के बारे में सोचा जा सकता है.
2007 में क्लोजे बायर्न म्युनिख में आए, और क्लब के लिए उनका प्रदर्शन ज्वार भाटे के बीच डोलता रहा. राष्ट्रीय टीम जैसा प्रदर्शन वे कभी नहीं कर पाए. टीम में अपनी जगह बनाए रखने के लिए उन्हें हमेशा दूसरे खिलाड़ियों से जूझना पड़ा, हालांकि उन्होंने 150 मैचों में हिस्सा लेते हुए 53 गोल दागे. दो बार उन्होंने बुंडेसलीगा सत्र में दस-दस गोल दागे. एक अच्छा प्रदर्शन, लेकिन भूलना नहीं चाहिए कि यही मिरोस्लाव क्लोजे वैर्डर ब्रेमेन की ओर से खेलते हुए 2005-06 के सत्र में 25 गोल दाग चुके थे.
पिछले सत्र में क्लोजे अपनी टीम के साथी मारियो गोमेज के साए में रहे, जो बुंडेसलीगा में सबसे अधिक गोल दाग सके थे. माना जा रहा है कि बायर्न छोड़ने के बाद वह किसी विदेशी टीम में जाएंगे. इस सिलसिले में एफसी वालेंसिया और लाजियो रोम का नाम लिया जा रहा है. वैसे एफसी एवर्टन, टोटेनहैम हॉटस्पुर और एसी मिलान में जाने की संभावना भी बनी हुई है.
कुछ भी हो, क्लोजे अपने खेल जीवन की चोटी पर पहुंच चुके हैं. यहां से रास्ता नीचे की ओर जाता है.
रिपोर्ट: उभ
संपादन: ईशा भाटिया