"खुल कर खेलने में मदद करते हैं सहवाग"
९ जुलाई २०११कोलकाता में सौरव गांगुली के टीवी क्विज शो में हिस्सा लेने आए गौतम गंभीर ने सहवाग की जमकर तारीफ करते हुए बताया कि सहवाग जिस तरह की बल्लेबाजी करते हैं उससे टीम के अन्य खिलाड़ियों पर दबाव नहीं आता. "वीरू के साथ बल्लेबाजी करने में हमेशा मजा आता है. वह अपना स्वाभाविक खेल खेलते हैं और साथी खिलाड़ियों को दबाव मुक्त होने में मदद करते हैं. इस वजह से अन्य खिलाड़ी भी तनाव से बाहर आ जाते हैं और खुलकर खेलते हैं."
गंभीर के मुताबिक यह सहवाग का ही कमाल है कि उन्होंने इतनी बार बड़ा स्कोर खड़ा किया है. 38 टेस्ट मैचों में दिल्ली के गौतम गंभीर 3,234 रन बना चुके हैं. पीठ में चोट की वजह से गंभीर वेस्ट इंडीज दौरे में टीम में शामिल नहीं हुए. हालांकि गंभीर इंग्लैंड दौरे के लिए जी जान से अभ्यास में जुटे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि वह अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब रहेंगे.
वह मानते हैं कि 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज उनके करियर में अहम मोड़ साबित हुई. ब्रिस्बेन और सिडनी में लगाए दो शतकों ने उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया और करियर के लिए वो पारियां निर्णायक साबित हुईं. गंभीर की राय है कि टीम में वापसी के लिए एक खिलाड़ी को पर्याप्त मौके दिए जाने चाहिए.
वर्ल्ड कप में श्रीलंका के खिलाफ फाइनल में गंभीर सिर्फ तीन रन से शतक से चूक गए. "मैं शतक के बारे में नहीं सोच रहा था लेकिन जब हर किसी ने कहा कि अब तो तीन रन ही दूर है तो मैं नर्वस हो गया और इसी वजह से आउट हुआ." गंभीर खुश हैं कि फाइनल में 31 रन पर 2 विकेट खो चुकी भारतीय टीम को सहारा देने में वह सफल साबित हुए और बाद में वहीं से वर्ल्ड चैंपियन बनने की नींव पड़ी.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ए जमाल