खो गई हैं ड्रीम गर्ल
२५ जनवरी २०१२फिल्म इंडस्ट्री के सदाबहार चहरे गुम हो रहे हैं. फिल्मों में हुनर की तो कमी नहीं, लेकिन ऐसी अभिनेत्रियां अब नहीं रहीं जो लम्बे समय के लिए अपनी छाप छोड़ जाएं. हॉलीवुड में 50 के दशक में ऐसी अभिनेत्रियां आईं जिनकी चमक पिछले 50 सालों में जरा भी फीकी नहीं पड़ पाई है.
प्रभावशाली छवि
फैशन इंडस्ट्री और हॉलीवुड की जानकार जेन कार्स्टन इस बारे में कहती हैं, "यहां बात महिलाओं के अस्तित्व की है. अगर हम 70, 80 या 90 के दशक को देखें तो उस समय संस्कृति बदल रही थी. महिलाओं के लिए यह क्रांति का वक्त था. उनके चहरे पर पुरुष और महिला के भावों का एक मिला जुला मिश्रण दिखता था. इससे वह यह संदेश देना चाहती थीं कि मेरी ओर आप केवल इसलिए ना देखें क्योंकि मैं खूबसूरत हूं, बल्कि इसलिए देखें क्योंकि मेरे पास समझ भी है. अगर आप लिज टेलर, सोफिया लॉरेन या मर्लिन को देखेंगे, ये सभी बहुत बड़ी अभिनेत्रियां थीं जिन्हें उनकी प्रतिभा और सुंदरता दोनों के लिए जाना जाता था."
मशहूर प्रोडक्शन कंपनी स्मैशबॉक्स की मेकअप आर्टिस्ट लॉरी टेलर का कहना है कि उस जमाने में हॉलीवुड में एक से दूसरे रिवाज की तरफ भागा नहीं जाता था, बल्कि एक ऐसी छवि बनाने की कोशिश की जाती थी जो लम्बे समय तक टिक सके. लॉरी टेलर बताती हैं, "1940 और 50 के दशक में एक ग्लैमर था. उस समय सब कुछ काम कर जाता था. ये महिलाएं अपने साथ कोई प्रयोग नहीं कर रही थीं. अगर आप 80 के दशक पर ध्यान देंगे तो पाएंगे कि उस समय महिलाएं कुछ अलग करके दिखाना चाहती थीं और वह हमेशा नहीं रह सकता."
सुंदरता का राज
अमेरिका की कॉस्मेटिक कंपनी 'अर्बन डीके' की सहसंस्थापक वेंडे जॉमनीर का कहना है कि एलिजाबेथ टेलर या मर्लिन मुनरो जब भी कहीं जाती थीं तो इस बात का पूरा ख्याल रखती थीं कि वह कैसी दिख रही हैं. हर अवसर के लिए उनके लिए खास पोशाक तैयार की जाती थी. यह आज की अभिनेत्रियों की मीडिया में दिखने वाली तस्वीरों से अलग है. इंटरनेट और फिल्मी पत्रिकाओं में अभिनेत्रियों की हर तरह की तस्वीरें छपती हैं. कभी उन्हें बीच पर दोस्तों के साथ पार्टी करते देखा जाता है तो कभी परिवार के साथ बाजार में खरीदारी करते. वेंडे जॉमनीर का कहना है कि भले ही आज तरह तरह के कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स उपलब्ध हों, लेकिन फिर भी पुराने जमाने की अभिनेत्रियों वाला जलवा नहीं दिखता. ऐसा इसलिए है कि भले ही उस समय एंटी एजिंग क्रीम न रही हों लेकिन अभिनेत्रियां अपनी खूबसूरती पर पूरा ध्यान देती थीं. उनके पास अपना एक 'ब्यूटी रुटीन' हुआ करता था.
एक अन्य कॉस्मेटिक कंपनी 'एर्नो लास्जलो' के अध्यक्ष चार्ल्स देंतो बताते हैं कि कंपनी के संस्थापक लास्जलो ने मर्लिन मुनरो और एवा गार्डनर के साथ काम किया था, "वह उन्हें खाने पीने पर ध्यान देने के लिए कहते थे. उन्हें कहा जाता था कि वह धूप से बचें और ठीक तरह सोएं." इसी तरह उन्हें पार्टियों में रेड वाइन और डार्क चॉकलेट के साथ कुछ खास तरह की चीजें खाने के लिए कहा जाता था जो शरीर के लिए एंटी ऑक्सीडेंट का काम करें.
बॉलीवुड की ड्रीम गर्ल
हॉलीवुड में यह दौर 50 के दशक में रहा तो बॉलीवुड में 70 के दशक में. हेमा मालिनी की ड्रीम गर्ल की छवि ऐसी बनी की वह कभी उस से बाहर नहीं आईं. ऐसा ही कुछ रेखा के साथ भी देखा गया. आज भी जब ये अभिनेत्रियों किसी अवसर पर दिखती हैं तो वही करिश्मा देखा जा सकता है. चमचमाती साड़ी और गहनों के साथ ये अभिनेत्रियां अपने चाहने वालों को कभी निराश नहीं होने देतीं. पिछले तीन दशकों में कितनी ही अभिनेत्रियां आईं और गईं, लेकिन सदाबहार इन्हें ही कहा जा सकता है.
रिपोर्ट: एपी/ईशा भाटिया
संपादन: ओ सिंह