गंभीर भूमिकाएं नहीं करना चाहतीं करिश्मा
२३ दिसम्बर २०१२उन्होंने अपने करियर के शीर्ष पर रहने के दौरान ही पारिवारिक जीवन के लिए अभिनय से संन्यास ले लिया था. लेकिन बेटी समीरा और पुत्र किशन राज कपूर के पैदा होने के कुछ साल बाद अभिनेत्री करिश्मा कपूर ने अपने पति संजय कपूर से तलाक ले लिया और अब अलग रहने लगी हैं. वह मानती हैं कि बॉलीवुड में अब विवाहित हीरोइनों का दौर है.
डॉयचे वेले: डेंजरस इश्क के बाद किस फिल्म में काम कर रही हैं?
करिश्मा: फिलहाल किसी नई फिल्म में काम नहीं कर रही हूं. मुझे अपने दोनों बच्चों को काफी समय देना पड़ता है. इसलिए फिल्मों में लगातार काम करना संभव नहीं है. इस समय कई पटकथाएं पढ़ रही हूं. उनमें से जो पसंद आएगी उनके लिए हामी भर दूंगी. अगले साल जरूर किसी फिल्म की शूटिंग शुरू हो जाएगी.
आप कैसी फिल्में करना चाहती हैं?
मैं गंभीर फिल्में नहीं करना चाहती. मुझे कॉमेडी फिल्मों में काम करना पसंद है. मैंने कई गंभीर फिल्मों में काम किया है. अब हल्की-फुल्की भूमिकाएं करना चाहती हूं.
आप फिलहाल अकेले अपने दोनों बच्चों को संभाल रही हैं. इसमें दिक्कत नहीं होती?
मुझे कोई दिक्कत नहीं होती. सिनेमा में काम नहीं करने के बावजूद मैं कई ब्राडों का प्रचार करती रही हूं. इसके साथ ही मैं अपने बेटे-बेटी की तमाम जिम्मेदारियों को निभाती रही हूं. लेकिन यह सही है कि दोनों बच्चों को ज्यादा समय देने की वजह से लगातार फिल्मों में काम नहीं कर पा रही हूं.
क्या आप रेडियो पर भी आ रही हैं?
हां, यह सही है. मेरे लिए यह एक नया अनुभव है. अपनी इस नई भूमिका में मैं फैशन के बारे में लोगों को टिप्स दूंगी. अपनी इस भूमिका को लेकर मैं काफी रोमांचित हूं.
लेकिन अचानक रेडियो पर आने का फैसला क्यों किया?
मैंने फिल्मों के अलावा टेलीविजन के लिए भी काम किया है. तो ऐसे में रेडियो को क्यों छोड़ दूं. इस माध्यम के जरिए मैं अपने प्रशंसकों से सीधे मुखातिब हो सकती हूं. मेरे लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है. मुझे अलग अलग तरह के काम करने में मजा आता है. मैं खुद को किसी भूमिका में सीमाबद्ध नहीं रखना चाहती.
कई अभिनेत्रियां अब फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रख रही हैं. क्या आपकी भी ऐसी कोई योजना है?
ना बाबा ना. मैं ऐसा कुछ नहीं सोच रही हूं. यह काफी मुश्किल और जिम्मेदारी भरा काम है. मुझे फिल्में बनाना किसी बच्चे को पाल पोस कर बड़ा करने जैसा लगता है. मेरे पास इतना समय भी नहीं है. बच्चों की देख रेख में ही काफी समय निकल जाता है.
और निर्देशन के बारे में क्या ख्याल है?
हां, इस बारे में सोच सकती हूं. लेकिन अभी नहीं. कम से कम दस साल के बाद.
कोलकाता में आपको क्या पसंद है?
यहां के लोग बेहद अच्छे और मिलनसार हैं. यहां के बंगाली व्यंजन मुझे बेहद पसंद हैं. भात और माछेर झोल यानी मछली का शोरबा मुझे काफी अच्छा लगता है. मेरे दोनों बच्चों को यहां की मिठाइयां और दही काफी पसंद है. इसलिए मैं उनके लिए यह दोनों चीजें लेना नहीं भूलती.
क्या आप बांग्ला फिल्मों में काम करना चाहती हैं?
मैंने अपने करियर में कभी क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों में काम नहीं किया है. पहले मुझे ऐसे कई ऑफर मिले हैं. लेकिन मुझे जो भाषा समझ में नहीं आती उस भाषा की फिल्मों में काम करना काफी मुश्किल है. जब अपने बोले डायलॉग ही समझ में नहीं आएं तो काफी कोफ्त होती है. मैंने अब तक कोई बांग्ला फिल्म भी नहीं देखी है. लेकिन शायद भविष्य में किसी ऐसी फिल्म में काम कर सकती हूं.
रिपोर्ट: प्रभाकर, कोलकाता
संपादन: ईशा भाटिया