गद्दाफी के बेटे लीबिया में बदलाव को राजी
२१ फ़रवरी २०११41 साल से लीबिया में शासन चला रहे मुअम्मर गद्दाफी खुद सामने नहीं आए, बल्कि उनके 39 साल के बेटे सैफ अल इस्लाम गद्दाफी राष्ट्रीय टेलीविजन पर आए और उन्होंने लीबिया की जनता के नाम संदेश जारी किया.
लीबिया के वक्त से लगभग डेढ़ बजे रात टेलीविजन पर लाइव प्रसारित संदेश में गद्दाफी के बेटे ने कहा कि विपक्षी पार्टियों और पश्चिमी ताकत की वजह से उनका देश गृह युद्ध की कगार पर पहुंच चुका है. हालांकि उन्होंने कहा कि लीबिया की सत्ता में कोई बदलाव नहीं होने वाला है. गद्दाफी के बेटे ने कहा, "लीबिया मिस्र नहीं है. लीबिया ट्यूनीशिया नहीं है."
इस बीच बेनगाजी शहर से भड़की हिंसा अब धीरे धीरे राजधानी त्रिपोली तक पहुंच गई है. रविवार को राजधानी में गद्दाफी के समर्थकों और विरोधियों के बीच झड़पें हुईं. अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि लीबिया में अब तक 210 लोग हिंसा की भेंट चढ़ चुके हैं.
गद्दाफी ने भी माना कि लीबिया में लोगों की मौत हुई है, हालांकि उन्होंने कोई आंकड़ा नहीं दिया. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया बढ़ा चढ़ा कर संख्या बता रहा है. सैफ अल इस्लाम गद्दाफी ने माना कि प्रशासन की तरफ से गलतियां हुई हैं. उन्होंने कहा कि सेना और सुरक्षा बल असैनिक प्रदर्शन से निपटने में दक्ष नहीं है. सैफ अल इस्लाम गद्दाफी का कहना है कि विपक्षी पार्टियां और पश्चिमी ताकतें लीबिया में अस्थिरता फैलाना चाहती हैं.
लीबिया में सबसे ज्यादा तनाव दूसरे सबसे बड़े शहर बेनगाजी में है. मीडिया और पत्रकारों को वहां जाने से रोक दिया गया है, जिसकी वजह से स्थिति के बारे में सही पता नहीं लग पा रहा है. लीबिया में 1969 से कर्नल मुअम्मर गद्दाफी का शासन चल रहा है.
अल जजीरा टेलीविजन चैनल का दावा है कि बेनगाजी में प्रदर्शनकारियों ने सेना के हथियार छीन लिए हैं और कुछ रिपोर्टों में यह भी कहा जा रहा है कि पूरे शहर पर अब विरोधियों का कब्जा हो गया है.
अफ्रीकी देश लीबिया की आबादी सिर्फ 60 लाख के आस पास है और वह तेल का प्रमुख उत्पादक देश है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः एमजी