"गलती माफ, पर हम बहुत अच्छे थे"
१० जुलाई २०११आखिरी अंक में अखबार के तीसरे पेज पर पूरा पन्ना संपादकीय है. आम तौर पर इस पेज पर महिलाओं की तस्वीरें होती थीं. अखबार ने लिखा है कि 168 साल के इतिहास में वह ब्रिटेन की संस्कृति में रच बस गया था और सभी लोगों के जीवन का हिस्सा बन गया था. इसने लिखा है कि अखबार ने खुद को हमेशा जिम्मेदार बनाने की कोशिश की लेकिन "2006 तक हमारे यहां काम करने वाले कुछ लोगों ने हमारे नाम में कुछ बेहद गलत काम किया."
संपादकीय में कहा गया है, "साफ शब्दों में हमने अपना रास्ता खो दिया. फोन हैक किए गए. इसके लिए अखबार माफी मांगता है. इस तरह के गलत काम को किसी भी तरह न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता है. पीड़ितों को जो तकलीफ हुई है, उसका कोई जवाब नहीं है. इतिहास पर जो दाग लगा है, उसका कोई जवाब नहीं है. लेकिन जब इस पाप का प्रायश्चित हो जाएगा, तो हमें लगता है कि इतिहास हमारे इतने सालों की मेहनत पर हमारा ख्याल रखेगा."
अखबार के अंदर इसकी कुछ बड़ी रिपोर्टों के बारे में जिक्र किया गया है. अखबार ने लिखा है, "दुनिया का सबसे महान अखबार -- 1843-2011." खोजी पत्रकार मजहर महमूद उर्फ फेक शेख ने अपनी कहानियों का जिक्र किया है, जिसकी मदद से कई लोग जेल भी गए. महमूद ने पिछले दो दशकों में रईसों से जुड़े कई आपराधिक मामलों की पोल खोली है. उन्होंने लिखा है, "मेरे अंदर का एक हिस्सा समझता है कि शायद मुझे मालूम था कि क्या हो रहा है. लेकिन मैं बाहर की बुराइयों को उजागर करने में व्यस्त था और पता ही नहीं लगा कि बुराई तो अंदर में है."
बीच के दो पन्नों में अखबार ने अपनी सफल मुहिमों की चर्चा की है, जिसमें 2005 के लंदन बम धमाकों के पीड़ितों को मुआवजा दिलाना भी शामिल है. इसने एक छोटी बच्ची की मां का इंटरव्यू भी छापा है. बाल शोषण करने वाले एक शख्स ने उस बच्ची की हत्या कर दी थी. इसके बाद अखबार ने बच्चों का यौन दुराचार करने वालों को बेनकाब किया था. इस मां सारा पेन ने लिखा है, "इस बुरे वक्त में यह बात भूल जाना आसान है कि न्यूज ऑफ द वर्ल्ड अच्छी ताकत रहा है."
अखबार ने न्यूड ऑफ द वर्ल्ड के नाम से भी कॉलम छापा है, जिसमें कैमरन डियाज से लेकर रिहाना तक की न्यूड तस्वीरें छापी गई हैं. इसने दो प्रमुख पृष्ठों को फिर से प्रिंट किया है. इसमें 1963 की ट्रेन डकैती का जिक्र है कि किस तरह इसकी साजिश रची गई और पिछले साल 2010 की मैच फिक्सिंग की रिपोर्ट है, जिसमें पाकिस्तान के खिलाड़ियों ने पैसे लेकर लॉर्ड्स टेस्ट में नो बॉल डाले.
हालांकि दसवें पन्ने पर अखबार ने कुछ सामान्य खबरें भी छापी हैं. संपादकीय बड़े ही भावुक ढंग से खत्म किया गया है. पाठकों को संबोधित करते हुए कहा गया है, "आप हमारा जीवन रहे हैं. हमने आपको हंसाया है, रुलाया है, चौंकाया है, सूचना दी है. आप हमारा और हम आपके परिवार रहे हैं. सालों तक हम हर हफ्ते आपसे मिलते रहे हैं. आपके समर्थन के लिए आपका शुक्रिया. हम आपको जितना मिस करेंगे, उसे शब्दों में नहीं बता सकते."
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः एस गौड़