फोन हैकिंग ऑफ द वर्ल्ड
८ जुलाई २०११ब्रिटेन में सबसे कम उम्र में संपादक बनने वाली रिबेका ब्रुक्स को फोन हैकिंग कांड का जिम्मेदार बताया जा रहा है. 20 साल की उम्र में रिबेका ने सचिव के तौर पर न्यूज ऑफ द वर्ल्ड ज्वाइन किया. 2000 में उन्हें उन्हें न्यूज ऑफ द वर्ल्ड का संपादक बना दिया गया. इस दौरान अखबार पर लोगों की निजी जिंदगी से छेड़छाड़ करने के आरोप लगे.
मामला ब्रिटेन की संसदीय समिति तक पहुंचा. ब्रुक्स ने संसदीय समिति से कहा कि अखबार ने जानकारी जुटाने के लिए पुलिस को पैसा दिया. हालांकि कंपनी ने ब्रुक्स के दावे का खंडन किया और कहा कि वे ऐसे तरीके नहीं अपनाते हैं. विवादों के बीच 2003 में ब्रुक्स मर्डोक मीडिया समूह के दूसरे अखबार द सन की पहली पहली महिला संपादक बनीं.
छह साल तक इस पद पर रहने के बाद उन्हें न्यूज ऑफ द वर्ल्ड और द सन को चलाने वाली कंपनी न्यूज इंटरनेशनल का मुख्य कार्यकारी नियुक्त किया गया.
किस किस के फोन हैक हुए
इसी दौरान न्यूज इंटरनेशनल के अखबार न्यूज ऑफ द वर्ल्ड के खिलाफ फोन हैकिंग के आरोप सामने आए. आरोपों के मुताबिक अखबार 2001 से फोन हैकिंग में लगा हुआ था. उस पर जिन लोगों के फोन हैक करवाने का आरोप है उनमें ब्रिटिश राजघराने के सदस्य, फुटबॉल स्टार डेविड बेकहम और हॉलीवुड स्टार ह्यू ग्रांट जैसे नाम शामिल हैं. अखबार ने अपराधों और युद्ध में अपने परिजनों को खोने वाले पर लोगों के फोन भी हैक करवाए.
2002 में लापता एक स्कूली छात्रा मिली डॉवलर के वाइस मेल हैक कराए गए. बाद में छात्रा का शव मिला. 2007 में ब्रिटिश राजघराने की खबरें करने वाले न्यूज ऑफ द वर्ल्ड के पत्रकार क्लिव गुडमैन को चार महीन की जेल की सजा भी हुई. 2007 में फोन हैकिंग के आरोपों के चलते एंडी कुलसन को संपादक का पद छोड़ना पड़ा.
आरोप हैं कि फोन हैकिंग की वजह से ही अखबार ने 2002 में दावा किया कि ब्रिटेन के छोटे राजकुमार प्रिंस हैरी ड्रग्स लेते हैं, हैरी की नस्लवादी टिप्पणी छापी गई. न्यूज ऑफ द वर्ल्ड ने ही लोगों को बताया कि ब्रिटिश राजपरिवार से जुड़ी एक महिला ने कैसे राजसी संपर्कों के जरिए कुछ कंपनियों को फायदा पहुंचाया.
किसने किए फोन हैक
आरोपों की जांच में पता चला कि अखबार ने ग्लेन मलकेयर नाम के एक निजी जासूस की मदद फोन हैक करवाए. अप्रैल 2011 में हैकिंग के पीड़ितों के वकील ने आरोप लगाया कि न्यूज ऑफ द वर्ल्ड ने 7,000 लोगों के फोन हैक करवाए.
जांच में यह भी पता चला है कि दुनिया के सबसे बड़े मीडिया टायकून रुपर्ट मर्डोक ने आरोपों की जांच न करवाने के लिए तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन और लेबर पार्टी के सांसदों पर दबाव डालने की कोशिश भी की. अप्रैल में अखबार के तीन और पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया. जांच में पता चला है कि ब्रिटेन के राजकुमार प्रिंस विलियम समेत राजपरिवार के 600 फोन संदेश हैक किए गए.
2010 में पाकिस्तानी टीम की मैच फिक्सिंग से पहले अखबार ने वर्ल्ड मोटरस्पोर्ट के प्रमुख मैक्स मोसली के यौनकर्मियों से जुड़े होने की खबर छाप दी. लेकिन फिलहाल अखबार और उसका प्रबंधन विवादों में है. आरोप लग रहे हैं कि ब्रिटेन के 'बी स्काई बी' ग्रुप के मालिकाना हक को खरीदने की खातिर ही मर्डोक ने न्यूज ऑफ द वर्ल्ड को बंद करने का फैसला किया है. दरअसल 'बी स्काई बी' ग्रुप के सौदे को ब्रिटिश संसद की हरी झंडी चाहिए. यही वजह है कि मर्डोक समूह किसी भी तरह फोन हैकिंग विवाद से पल्ला छुड़ाना चाह रहा है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: ए कुमार