ग्रीस में छुट्टियां बिता कर मदद करेगा जर्मनी
२८ जुलाई २०१२जर्मनी की ग्रीन पार्टी की बेआटे म्यूलर गेमेके से जब एक बार पूछा गया कि वह अपनी छुट्टियां कहां बिताना पसंद करती हैं तो उनका जवाब था, "सन, सी एंड सैंड" यानी वहां जहां सूरज, सागर और रेत हो. भले ही इटली और स्पेन में भी ऐसी जगह हैं, लेकिन बेआटे म्यूलर ग्रीस जाना पसंद करती हैं. इस बार भी वह वहीं जा रही हैं, लेकिन इस साल ग्रीस को चुनने के पीछे वजह बदल गयी है, "जब मैंने सुना कि ग्रीस में पर्यटकों की संख्या 50 फीसदी से भी कम हो गयी है, तो यह साफ था कि मैं छुट्टियां बिताने एक बार फिर ग्रीस ही जाऊंगी."
इसी तरह वामपंथी पार्टी 'डी लिंके' के रिचार्ड पिटेरले भी अपने परिवार के साथ ग्रीस के द्वीप क्रिटी में अपनी छुट्टियां बिताने वाले हैं. पर्यटन ग्रीस के लिए आय का सबसे बड़ा स्रोत है. लेकिन पिटेरले केवल देश में पर्यटन को अपना समर्थन देने के लिए वहां नहीं जा रहे, बल्कि वह द्वीप पर स्थानीय लोगों से बात भी करना चाहते हैं. पिटेरले चाहते हैं कि वह लोगों को यह समझा सकें कि "हम आपको भूले नहीं हैं."
निराश लेकिन मिलनसार
इसके साथ साथ पिटेरले वहां टैंगो भी सीखने वाले हैं. पिटेरले की तरह कई और राजनेता ग्रीस में जा कर समुद्र तट का मजा लेना चाहते हैं और वहां के जायकेदार खाने में कुछ वक्त के लिए राजनीति को भूल जाना चाहते हैं. जहां एक तरफ कई नेता अपने सामान बांधने की तैयारी में हैं वहीं बाडेन व्यूटेमबेर्ग राज्य में सीडीयू पार्टी की कार्यवाहक अध्यक्ष फ्रीडलिंडे गुर हिर्ष अभी अभी ग्रीस से छुट्टियां बिता कर लौटी हैं.
ग्रीस के कोर्फू में वह अपने पूरे परिवार के साथ पहुंचीं थी. केवल पति और तीन बच्चे ही नहीं, बल्कि चार नाती पोते भी साथ थे. गुर हिर्ष का कहना है कि उनका परिवार यह संदेश देना चाहता था कि ग्रीस ना जाने की लोगों के पास कोई वजह नहीं है. उन्होंने कहा कि क्रिटी में लोग कुछ निराश दिखे, लेकिन इसके बावजूद, "वहां लोग बहुत मिलनसार थे. हमें इस तरह की शिकायतें किसी से भी नहीं सुननी पड़ी कि आप हम पर दबाव बना रहे हैं. लोगों का व्यवहार बेहद दोस्ताना था और पेशेवर भी."
"हम आपके साथ हैं"
जर्मनी में इस साल गर्मी के मौसम का ठीक से ना आना भी एक वजह है कि लोग ऐसी जगहों पर जाना चाह रहे हैं जहां वे सूरज का मजा ले सकें. एफडीपी पार्टी के सदस्य एरिक श्वेंकर्ट पिछले साल परिवार के साथ तुर्की गए थे. इस साल जुलाई के अंत में उन्होंने ग्रीस के कॉस जाने का विचार बनाया. श्वेंकर्ट का कहना है कि जर्मनी में लोगों को यह शिकायत है कि नेता केवल आम लोगों के पैसे को दूसरे देशों में भेज रहे हैं. अब खुद ग्रीस में छुट्टियां बिता कर वह लोगों की यह शिकायत दूर करना चाहते हैं. वह दिखाना चाहते हैं कि नेता भी ग्रीस की मदद करने के लिए अपनी जेब से पैसा खर्च रहे हैं.
सीडीयू की कार्यवाहक अध्यक्ष इंग्रिड फिशबाख भी अपनी बेटी के साथ ग्रीस के द्वीप रोड्स जा कर अपना योगदान देना चाहती हैं. फिशबाख का कहना है, "ग्रीस के लोगों को कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है. अगर हम ग्रीस में पर्यटन का समर्थन करते हैं तो हम यह बात साफ कर सकते हैं कि हम आपके साथ हैं, हमें यहां आना पसंद है और अगर यह जगह अच्छी है तो हम अगले साल फिर यहां आएंगे."
रिपोर्ट: पानागिओतिस कूपारानिस / ईशा भाटिया
संपादन: निखिल रंजन