ग्रीस में वित्त मंत्री को हटाया गया
१७ जून २०११इवेन्जेलोस वेनिजेलोस प्रधानमंत्री जॉर्ज पापान्द्रेउ के प्रतिद्वंद्वी रह चुके हैं लेकिन पापान्द्रेउ ने नाजुक समय में उनके कंधों पर लड़खड़ाते मंत्रालय का पदभार दिया. पापान्द्रेउ ने नए कैबिनेट का गठन किया है और जल्द ही उन्हें विश्वास मत हासिल करना है.
54वर्षीय वेनिजेलोस ने फ्रांस में पढ़ाई की है और वह संवैधानिक मामलों के जानकार हैं. 2004 में एथेंस ओलंपिक की तैयारियां उन्हीं के दिशा निर्देश में हुईं. इससे पहले ग्रीस के वित्त मंत्री के लिए यूरोपीय सेंट्रल बैंक के पूर्व उपाध्यक्ष लुकास पापाडेमोस के नाम की चर्चा चल रही थी.
सरकार के प्रवक्ता एलियास मोसियालोस ने बताया, “हमें ज्यादा क्षमता के साथ आगे बढ़ना होगा. ग्रीस की जनता हमारी ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रही है. हमें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. जब इतने बड़े पैमाने पर बचत के लिए कदम उठाए जाएंगे तो विरोध होगा ही लेकिन हमारी कोशिश क्षमता बढ़ाने की होगी.”
आर्थिक भंवर में फंसी ग्रीस की सरकार बचत के लिए तमाम कदम उठाने के बावजूद अर्थव्यवस्था पटरी पर लाने में विफल रही है. प्रधानमंत्री पापान्द्रेउ की पार्टी में ही उनका विरोध हो रहा है. दबाव के चलते प्रधानमंत्री ने सरकार में मंत्रियों की संख्या में कमी की है, कुछ अलोकप्रिय नेताओं को हटाया है और उनकी जगह विरोध का स्वर बुलंद करने वाले लोगों को जगह दी है.
18 महीने की कोशिशों के बावजूद ग्रीस की अर्थव्यवस्था में जान फूंकने में नाकाम रहे जॉर्ज पापाकोन्सतान्तिनो की जमकर आलोचना हो रही थी. इसी वजह से प्रधानमंत्री ने उन्हें वित्त मंत्री के पद से हटाकर पर्यावरण मंत्रालय की बागडोर दी है. कई विश्लेषक इसे पदावनति के रूप में देख रहे हैं.
ग्रीस में राजनीतिक विश्लेषक लिलियास निकोलाकोपुलस का कहना है कि जॉर्ज पापान्द्रेउ ने अपने प्रमुख विरोधी के साथ गठबंधन कर लिया है. इससे आपसी प्रतिद्वंद्वता को शांत करने में मदद मिलेगी. जॉर्ज पापान्द्रेउ ने नए विदेश मंत्री की भी घोषणा की है. यह जिम्मेदारी 49 साल के स्टावरोस लैम्ब्रिनिडिस को दी गई है जो ग्रीस की सत्ताधारी पार्टी की ओर से यूरोपीय संसद में रह चुके हैं.
पापान्द्रेउ के सहयोगी रक्षा उपमंत्री पानोस बेगलिटिस को पूरी तरह से रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी दे दी गई है. नई सरकार को विश्वास मत जल्द ही हासिल करना होगा और यह रविवार को भी हासिल किया जा सकता है.
ग्रीस को यूरोपीय संघ और आईएमएफ से बेलआउट पैकेज के लिए कड़ी शर्तों को पालन करना है. ग्रीस ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर उसे 12 अरब यूरो के कर्ज की किस्त नहीं मिली तो वह अपना बिल नहीं अदा कर पाएगा. पिछले साल यूरोपीय संघ और आईएमएफ ने ग्रीस को 110 अरब यूरो का कर्ज देने पर सहमति जताई. अब ग्रीस को कर्ज देने वालों की मांग है कि उसे 28 अरब यूरो का नया बचत कार्यक्रम शुरू करना पड़ेगा. ग्रीस में बड़े पैमाने पर सरकार के कार्यक्रम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: महेश झा