चरमपंथी घुसपैठ से परेशान पाक सेना
२८ मई २०११अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल परवेज अश्फाक कयानी को इस बात से खासा झटका लगा कि अल कायदा का नेता ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान के एबटाबाद में पाया गया जहां उसे 2 मई को अमेरिकी सैन्य अभियान में मार गिराया गया. अखबार ने पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों के हवाले से कहा है कि कयानी ने हाल में अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकात में कहा कि उनकी प्राथमिकता 'अपने घर को दुरुस्त' करना है.
एक अधिकारी के मुताबिक, "हम पर हमला हो रहा है और हमलावरों को बेहद गोपनीय जानकारी मिल रही है." पिछले दिनों कराची में पाकिस्तानी नौसेना के अहम ठिकाने पर हमला किया जिसमें वायुसेना के अहम विमानों को बर्बाद कर दिया गया. कुछ लोग कहते हैं कि चरमपंथियों के 'अंदर के किसी व्यक्ति' से जानकारियां मिलीं.
पश्चिमी अधिकारी लंबे समय से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पर आरोप लगाते रहे हैं कि वह दोहरा खेल खेल रही है. एक तरफ वह घरेलू स्तर पर उग्रवादी चुनौती से निपट रही है तो दूसरी तरफ उन लोगों को शरण दी जा रही है जो अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों पर हमले कर रहे हैं.
अमेरिका पाकिस्तान पर इस बात के लिए दबाव डालता रहा है कि वह उत्तरी वजीरिस्तान में सैन्य कार्रवाई करे जो तालिबान और अल कायदा के गढ़ समझे जाते हैं. पाकिस्तान का कहना है कि इस तरह की किसी भी कार्रवाई के बारे में वह वक्त आने पर खुद फैसला करेगा.
शुक्रवार को पाकिस्तान के दौरे पर अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि बिन लादेन की मौत के बाद अमेरिका पाकिस्तान के प्रति और अधिक वचनबद्ध हो गया है. लेकिन उन्होंने पाकिस्तान से अपील की कि वह अल कायदा को पराजित करने के लिए निर्णायक कदम उठाए.
अमेरिकी अधिकारी मानते हैं कि इस बात के कोई सबूत नहीं है कि पाकिस्तानी सैन्य या असैन्य नेतृत्व को एबटाबाद में बिन लादेन के छिपे होने का पता था. वैसे अखबार का कहना है कि मौजूदा सेना प्रमुख कयानी 2005 में आईएसआई के प्रमुख थे. उसी वक्त बिन लादेन के एबटाबाद में आने का अनुमान है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः आभा एम