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६ मई २०११अगले हफ्ते दोनों देशों के आर्थिक क्षेत्र के वरिष्ठ प्रतिनिधियों की बैठक होने जा रही है. उससे पहले अमेरिकी वित्त मंत्रालय में चीन के मामलों के लिये जिम्मेदार वरिष्ठ अधिकारी डेविड लोएविंगर ने कहा है कि पिछले एक साल के दौरान चीन की मुद्रा नीति में बिल्कुल नई रुझान देखी गई है. चीन इस समय मुद्रास्फीति की जोखिम का सामना कर रहा है, जिससे निपटने के लिये चीनी मुद्रा युआन की दर बढ़ाना बेहद जरूरी है.
सोमवार से दोनों देशों के बीच रणनीतिक व आर्थिक बातचीत शुरू हो रही है. लोएविंगर ने कहा कि वे चीन पर दबाव डालेंगे कि वह विदेशी मुद्रा विनिमय दर में और अधिक तेजी के साथ बदलाव लाए, क्योंकि चीनी मुद्रा की दर अब भी बहुत कम है. लोएविंगर ने कहा कि चीन अब भी विदेशी मुद्रा बाजार में अपनी मुद्रा की दर में वृद्धि को रोकने के लिये भारी हस्तक्षेप करता है.
पिछली जून के बाद से डॉलर की तुलना में युआन की कीमत में पांच प्रतिशत की वृद्धि हुई है. अगर मुद्रास्फीति को हिसाब में रखा जाए, तो यह वृद्धि दस प्रतिशत के बराबर हो जाती है. चीन में मुद्रास्फीति बढ़ती जा रही है. मार्च के महीने में मुद्रास्फीति की दर एक साल पहले के मुकाबले 5.4 प्रतिशत के बराबर थी. सरकार का लक्ष्य है कि 2011 में इसे चार प्रतिशत तक रखा जाए.
लोएविंगर ने कहा कि वे चीन से आग्रह करेंगे कि वह अपने वित्तीय बाजार को खोले. अमेरिका के वित्तीय संस्थान चीन में सक्रिय होना चाहते हैं. लोएविंगर की राय में वित्तीय सुधार से निंरतर वृद्धि की प्रक्रिया मजबूत हो सकती है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ
संपादन: एन रंजन