चुनाव लड़ेगी सू ची की पार्टी
१८ नवम्बर २०११इस फैसले के साथ ही अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने भी म्यांमार की यात्रा करने का एलान किया है. दशकों तक अंतरराष्ट्रीय मंच से कटे रहे म्यांमार में पिछले एक साल में बहुत कुछ बदल गया है. लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सू ची के घर में नजरबंदी से रिहा होने के बाद से अब तक देश लोकतंत्र की राह पर लौटने में काफी सफल रहा है. और शुक्रवार को सू ची ने चुनावी राजनीति में उतरने का फैसला करके देश के हालात को और सामान्य बनाने की ओर कदम बढ़ा दिए.
क्यों हुआ फैसला
सू ची की पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रैसी के शुक्रवार को हुए सम्मेलन में यह फैसला किया गया कि सरकार ने कुछ शर्तें मान ली हैं इसलिए पार्टी को दोबारा नामांकित कराया जाए. म्यांमार सरकार ने राजनीतिक कैदियों को रिहा करने का फैसला किया है. साथ ही पार्टियों के नामांकन की प्रक्रिया में भी बदलाव किए हैं.
शुक्रवार को एनएलडी के लगभग 103 प्रतिनिधि रंगून में पार्टी का भविष्य तय करने के लिए जमा हुए थे. नामांकन के पक्ष में वोटिंग के बाद सू ची ने कहा, "एनएलडी ने पार्टी को दोबारा रजिस्टर कराने और 48 सीटों के लिए होने वाले उपचुनावों में हिस्सा लेने का फैसला किया है." उपचुनाव अगले साल की शुरुआत में हो सकते हैं. एनएलडी इनमें हिस्सा लेकर संसद में सरकार के सामने विपक्ष बनकर बैठ सकती है. सू ची ने भी चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं.
म्यांमार में दो दशक बाद पिछले साल आम चुनाव हुए थे. एनएलडी ने चुनावों का बहिष्कार किया था जिसके बाद उसका नामांकन रद्द कर दिया गया था. चुनावों में सैन्य शासन समर्थित यूनियन सॉलिडैरिटी एंड डिवेलपमेंट पार्टी (यूएसडीपी) को जीत हासिल हुई थी. इस वजह से सत्ता में मुख्य पदों पर सेना के पूर्व जनरल ही बैठे हैं. लेकिन इस सरकार ने कई ऐसे कदम उठाए हैं जो देश को लोकतंत्र के रास्ते पर ले जाने का संकेत हैं.
बदलाव के रास्ते पर
राष्ट्रपति थीन शेन ने सू ची के साथ बातचीत की शुरुआत की है. सितंबर महीने में उन्होंने सू ची से मुलाकात की. उसके बाद सरकार ने एक उदारवादी श्रम कानून पास किया, 240 राजनीतिक कैदियों को रिहा किया, विवादित बांध के निर्माण को बंद किया, मीडिया पर लगी पाबंदियां हटाईं और पार्टियों के पंजीकरण के नियमों में बदलाव किया.
इन कदमों के नतीजे भी म्यांमार को सकारात्मक मिल रहे हैं. शुक्रवार को ही इंडोनेशिया में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एलान किया कि वह अपनी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन को म्यांमार की यात्रा पर भेजेंगे. ओबामा ने कहा, "सालों के अंधकार के बाद हमें पिछले कुछ हफ्तों में रोशनी की कुछ किरणें नजर आ रही हैं. हम इस मौके को जाने नहीं देना चाहते क्योंकि यह प्रगति की ओर ऐतिहासिक मौका हो सकता है." लेकिन ओबामा ने कहा कि अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है.
अमेरिका समेत कई पश्चिमी देश म्यांमार पर राजनीतिक बंदी रिहा करने के लिए दबाव बनाते रहे हैं. एनएलडी का अनुमान है कि देश की विभिन्न जेलों में कम से कम 591 राजनीतिक बंदी हैं.
रिपोर्टः डीपीए/एपी/वी कुमार
संपादनः ओ सिंह