छुट्टी पर जर्मन चांसलर मैर्केल
२१ जुलाई २०१०बुधवार को ही ख़बर आई है कि मत सर्वेक्षण में इस वक्त जर्मन सरकार में शामिल पार्टियां अल्पमत में है. अगर आज चुनाव हो, तो विपक्षी एसपीडी और ग्रीन पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिल जाएगा. इनकी परवाह किए बिना चांसलर मैर्केल ने कहा कि आनेवाले दिनों में काफ़ी काम करने हैं, महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाने हैं. सत्तारूढ़ मोर्चे में विभिन्न सवालों पर उभरने वाले मतभेदों के सिलसिले में उन्होंने कहा, "मैं आपसे वादा नहीं कर सकती कि फिर कभी किसी सवाल पर बहस नहीं होगी. लेकिन अगर इससे फ़ायदा हो तो ऐसी बहस महत्वपूर्ण है. कोई भी औद्योगिक देश सामाजिक बहस के बिना अपनी समस्याओं को सुलझा नहीं सकता, और मैं समझती हूं कि इसे स्वीकार करना चाहिए."
सीडीयू-सीएसयू व एफ़डीपी की सरकार सत्ता में आने के बाद 6 प्रदेशों में सीडीयू के मुख्यमंत्री बदले हैं. इसकी वजह से पार्टी में मंझले स्तर के नेतृत्व के संकट की बात की जा रही है. चांसलर व सीडीयू की अध्यक्ष अंगेला मैर्केल इसे मानने के लिए तैयार नहीं हैं. उनका कहना है, "मैं समझती हूं कि नए मुख्यमंत्रियों को सबसे पहले मौक़ा देना चाहिए कि वे अपने काम का परिचय दें. यह सही है कि परिचित चेहरों की कमी खलती है, लेकिन मेरी राय में हमारे पास ऐसे अनेक अच्छे नेता हैं, जो सीडीयू का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं."
सिर्फ़ बुनियादी महत्व के सवालों पर अक्सर सत्तारूढ़ दलों के परस्पर विरोधी रुख ही सामने नहीं आए हैं, बल्कि काफ़ी तीखी आवाज़ में वे एक-दूसरे के बारे में टिप्पणियां करते रहे हैं. लेकिन चांसलर अंगेला मैर्केल का दावा है कि उनकी सरकार ने काफ़ी काम निपटाए हैं. "बेशक ऐसी बात है, और मैं समझती हूं कि माहौल में बेहतरी आई है, कुछ मामलों में एक दूसरे से पेश आने का तरीका ठीक नहीं था, लेकिन अब काफ़ी सुधार हो चुका है."
इसकी ज़रूरत भी होगी. स्वास्थ्य सेवा, परमाणु ऊर्जा, बजट संतुलन - सभी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सुधार होने हैं. सुधार, जो मतदाताओं को पसंद नहीं आने वाले हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/ उभ
संपादनः ए कुमार