जयललिता ने मांगा चिदंबरम का इस्तीफा
१४ जून २०११पिछले महीने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनने के बाद नई दिल्ली में अपनी पहली प्रेस कांफ्रेस में जयललिता ने कहा, "हमारी पार्टी ने हमेशा कहा है कि चिदंबरम धांधली के जरिए जीते. इसलिए उनका मंत्रिमंडल में रहना ठीक नहीं है. चिदंबरम 2009 में संसद के लिए कभी नहीं चुने गए. उन्होंने देश को धोखा दिया है. चुनाव हमारी पार्टी के उम्मीदवार ने जीता." जयललिता ने कहा कि चिदंबरम को इसीलिए विजेता घोषित किया गया क्योंकि डाटा एंट्री ऑपरेटर ने गड़बड़ की.
उन्होंने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में रिश्वत के आरोपों का हवाला देते हुए अन्य केंद्रीय मंत्री और डीएमके नेता दयानिधि मारन से भी इस्तीफा देने को कहा. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर मारन खुद इस्तीफा नहीं देते हैं तो प्रधानमंत्री को उन्हें मंत्री पद से हटा देना चाहिए. जब उनसे पूछा गया कि क्या आने वाले दिनों में उनकी पार्टी एआईएडीएमके और कांग्रेस के बीच गठबंधन होने की संभावना है तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस और डीएमके सहयोगी हैं और दोनों गठबंधन को बनाए हुए हैं. जब पूछा गया कि क्या डीएमके के यूपीए से हटने की सूरत में उनकी पार्टी केंद्र में सत्ताधारी गठबंधन को समर्थन देगी तो उन्होंने कहा, "मैं इस तरह के काल्पनिक सवालों के जवाब नहीं दे सकती."
जयललिता ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बारे में भी गोलमोल जवाब दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और डीएमके के बीच गठबंधन के चलते उनका सोनिया से मिलना कोई मायने नहीं रखता.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ईशा भाटिया