सेना बनाएं रामदेव, देख लेंगेः चिदंबरम
९ जून २०११नई दिल्ली के रामलीला मैदान पर रामदेव और उनके समर्थकों पर हुई पुलिस कार्रवाई के बाद पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए चिदंबरम ने उन तमाम मौकों को गिनाया जब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और उससे जुड़े संगठनों ने रामदेव के आंदोलन का समर्थन किया. दूरदर्शन को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "तो यह किसी योग गुरु या योग टीचर का आंदोलन नहीं है. यह एक राजनीतिक आंदोलन है जिसे पूरी तरह आरएसएस और उससे जुड़े संगठनों का समर्थन प्राप्त है."
जब गृह मंत्री से रामदेव के इस बयान के बारे में पूछा गया कि वह 11 हजार लोगों की एक सशस्त्र सेना बनाएंगे तो चिदंबरम ने कहा कि इससे उनका असली रंग और मंशा सामने आती है. रामदेव ने कहा है कि रामलीला मैदान में पुलिस कार्रवाई जैसी घटना का जवाब देने के लिए वह हर जिले से बीस लोगों को लेकर यह सेना बनाएंगे. इस पर चिदंबरम ने कहा, "उन्हें बनाने दो. कानून उससे निपटेगा."
गृह मंत्री ने अपनी प्रेस कांफ्रेस में रामदेव और उनके सहयोगी बाल कृष्ण पर लगे आरोपों पर सीधे तौर पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. चिदंबरम ने बताया कि अगर रामदेव आमरण अनशन पर बैठते हैं तो सरकार पहले से ही इसके लिए तैयार है. उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी और दिल्ली से बाहर रहने को कहा जाएगा. सरकार ने पहले इस कदम पर इसलिए अमल नहीं किया क्योंकि उनके साथ बातचीत चल रही थी. चिदंबरम ने बताया कि रामलीला मैदान में पुलिस की कार्रवाई में 39 लोग घायल हुए.
चिदंबरम ने आरएसएस और उससे जुड़े संगठनों पर रामदेव के आंदोलन का समर्थन करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "मैं समझता हूं कि आपको पता होना चाहिए कि रामदेव के पीछे कौन है. 2 अप्रैल को आरएसएस ने भ्रष्टाचार विरोधी मोर्चा बनाने का एलान किया जिसका संरक्षक रामदेव को और संयोजक के गोविंदाचार्य को बनाया गया."
गृह मंत्री ने बताया कि इसके बाद 12 मई को बीजेपी के छात्र संगठन एबीवीपी ने भ्रष्टाचार के विरोध में नए संगठन का एलान किया. फिर वीएचपी के नेता अशोक सिंघल ने 28 मई को इसी तरह का सर्कुलर जारी किया और आरएसएस और एबीवीपी के बहुत से लोग रामदेव के साथ नजदीकी तौर पर काम कर रहे हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ओ सिंह