जर्मनी में राष्ट्रपति को जूते दिखाए
७ जनवरी २०१२जर्मन राष्ट्रपति क्रिस्टियान वुल्फ छुट्टियों के बाद अपना पदभार संभालने वापस बर्लिन पहुंचे. नए साल पर नए विवादों का सामना कर रहे वुल्फ का स्वागत आम लोगों ने उनके घर के सामने जूते लटका कर किया. राष्ट्रपति निवास यानी बेलव्यू पैलेस के सामने जूता प्रदर्शन करने आए एक युवा का कहना है कि उन्होंने अरब जगत से प्रेरणा ली है. युएर्गन येनन कहते हैं कि 2008 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति पर जैसे एक इराकी पत्रकार ने जूते फेंके थे, यह प्रदर्शन भी कुछ उसी तरह का है. फर्क सिर्फ यही है कि जूते फेंके नहीं जांएगे, लोग सिर्फ इन्हें हाथ में लेकर पैलेस के सामने लहराएंगे. बर्लिन में हो रहे इस प्रदर्शन के पीछे भी नेट्वर्किंग वेबसाइट फेसबुक की अहम भूमिका है. फेसबुक पर आयोजित इस प्रदर्शन का नाम है, "वुल्फ को अपने जूते दिखाओ, आपके लिए जूता, राष्ट्रपति जी."
किस किस को संभाले मैर्केल?
पिछले हफ्ते वुल्फ की माफी के बाद मामला कुछ संभलता दिख रहा था, लेकिन अब पता चला है कि राष्ट्रपति पूर्व कंपनी उन पर कानूनी मामला दर्ज कर रही है. वुल्फ कार कंपनी फोल्क्सवागेन में डायरेक्टर रह चुके हैं. फोल्क्सवागेन वुल्फ सहित कंपनी के चार और वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ 1.8 अरब यूरो का मामला ठोंकने जा रही है. कंपनी का कहना है कि 2008 में अधिकारियों की गैरजिम्मेदारी की वजह से पोर्शे कंपनी को बेहद मुनाफा हुआ. उस वक्त पोर्शे फोल्क्सवागेन को खरीदना चाह रही थी.
हालांकि वुल्फ इसमें निजी तौर पर शामिल नहीं होंगे, लेकिन फोन विवाद के बाद जनता के सामने उनकी छवि वैसे ही खराब हो चुकी है. अगर उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा तो यूरो संकट से जूझ रहीं चांसलर अंगेला मैर्केल पर राजनीतिक दबाव और बढ़ेगा. मैर्केल ने अब तक तो वुल्फ का बचाव किया है और शुक्रवार को उनके प्रवक्ता श्टेफान जाइबर्ट ने कहा कि मैर्केल वुल्फ का व्यक्तिगत तौर पर और राष्ट्रपति होने की हैसियत से सम्मान करती हैं. लेकिन विपक्ष के नेता इस तर्क का भी इस्तेमाल चांसलर पर हमला करने के लिए कर रहे हैं. सोशल डेमोक्रैट्स के जिगमार गाब्रियल का कहना है कि अब मामला राष्ट्रपति का नहीं, मैर्केल का हो गया है.
गलती का जवाब जूता
तीन हफ्ते पहले जर्मनी के सबसे ज्यादा बिकने वाले बिल्ड अखबार के साथ वुल्फ की मुसीबतें शुरू हुईं. 12 दिसंबर को वुल्फ ने अखबार के दफ्तर फोन कर उनसे अपने बारे में एक विवादित खबर न छापने को कहा. 52 वर्षीय जर्मन राष्ट्रपति पर यह भी आरोप लगे कि उन्होंने अपने एक दोस्त से घर खरीदने के लिए लाखों यूरो का निजी कर्ज लिया. आरोपों के बाद इसी हफ्ते वुल्फ ने जनता के सामने आ कर अपनी गलतियां मानी और कहा कि बिल्ड को खबर छापने से रोकना उनकी एक 'भारी गलती' थी. उन्होंने यह भी कहा है कि अखबार के दफ्तर में उन्होंने 'भावुक' हो कर एक वॉयसमेल छोड़ा लेकिन वह बहुत ही 'थके और गुस्से में थे.' वहीं, बिल्ड के संपादक काई डीकमान ने वुल्फ को चुनौती दी है कि वह वॉयसमेल की बातों को छापने की अनुमति दें. डीकमान ने वुल्फ को वॉयसमेल की बातें ईमेल पर तो भेज दी हैं लेकिन उनका कहना है कि वे राष्ट्रपति की अनुमति के बगैर इन्हें नहीं छापेंगे.
हालांकि इससे भी वुल्फ की छवि को फायदा नहीं होगा. जर्मनी की जनता वुल्फ को नापंसद करने लगी है. पहले हुए एक जनमत सर्वेक्षण के मुताबिक, 56 प्रतिशत लोग उनका सहयोग करते हैं और 41 प्रतिशत चाहते हैं कि वह इस्तीफा दें. वहीं एक दूसरे सर्वेक्षण में उन्हें केवल 50 प्रतिशत मत मिले हैं. सिर्फ 37 प्रतिशत लोगों को उन पर विश्वास है. एक टेलीविजन चैनल के मुताबिक 57 प्रतिशत लोगों का मानना है कि मीडिया वुल्फ पर पद से हटने का दबाव बढ़ा रहा है, लेकिन जूतों के प्रदर्शन के बाद यह साफ है कि बात राजनीति और मीडिया से हटकर सड़कों तक पहुंच चुकी है.
रिपोर्टः डीपीए/एमजी
संपादनः ओ सिंह