'जर्मनी से डरे नहीं यूरोप'
२२ फ़रवरी २०१३
गाउक की यह स्पीच राष्ट्रपति पद संभालने के साल भर बाद आई है. इस अवसर पर बर्लिन में गाउक के निवास श्लॉस बेलव्यू में 200 अतिथि उपस्थित थे. गाउक ने अपनी स्पीच में बार बार 'मोर यूरोप' यानी अधिक यूरोप पर जोर दिया.
शुक्रवार को दिए भाषण में गाउक ने कहा कि यूरोप को जर्मनी से डरने की जरूरत नहीं है. गाउक ने कहा कि मिल कर काम करने से एक ऐसे जर्मनी की स्थापना हो सकेगी जिसमें ज्यादा यूरोपीय मूल्य हों.
उन्होंने कहा, "मुझे यह देख कर चिंता होती है जब लोग यूरोप में जर्मनी की भूमिका को शक या संदेह की नजर से देखते हैं.. मैं यह देख कर हैरान रह जाता हूं कि कितनी जल्दी लोगों का नजरिया बदलने लगता है, जैसे कि आज का जर्मनी सत्ता के लिए राजनीति की परंपरा पर टिका हो."
जर्मन यूरोप नहीं
गाउक ने यह भी कहा कि लोगों को यह नहीं सोचना चाहिए कि जर्मनी पूरे यूरोप पर अपनी छवि थोपने की कोशिश कर रहा है, "मैं सभी पड़ोसी देशों में रहने वाले नागरिकों को इस बात का आश्वासन देना चाहता हूं कि मुझे जर्मनी की राजनीति में ऐसा कोई भी नहीं दिखता जो आप पर जर्मनी के फैसले थोपना चाहता है. मैं यह कह सकता हूं कि जर्मनी खुद की छवि यूरोप पर नहीं थोपना चाहता बल्कि जर्मनी में यूरोपीय मूल्यों को बढ़ाना चाहता है."
यूरोजोन संकट के बारे में बात करते हुए गाउक ने कहा कि यह संकट केवल आर्थिक नहीं है, बल्कि इसमें और भी बहुत कुछ शामिल है, "यह संकट यूरोप को एक राजनीतिक प्रोजेक्ट के तौर पर चला पाने में हमारे विश्वास पर है. हम केवल अपनी मुद्रा को बचाने के लिए ही नहीं जूझ रहे हैं, हम अंदरूनी असमंजस से भी जूझ रहे हैं."
गाउक का भाषण सुनने पहुंचे अधिकतर लोग युवा थे जिनकी उम्र 30 से कम थी. गाउक ने उन्हें यूरोपीय संघ की शुरुआत से अब तक की बड़ी उपलब्धियों के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि आज का युवा इस बात की अहमियत नहीं समझता कि वह बिना वीजा के किसी भी देश में आ जा सकता है, ना ही उन्हें पासपोर्ट की चिंता करनी होते है और ना ही उसे वहां पहुंच कर मुद्रा के बारे में सोचना पड़ता है.
ब्रिटेन से अपील
गाउक कहा कि जर्मनी शुरू से ही यूरोपीय संघ से जुड़ा रहा है, "इसीलिए (लड़ाई के समय) जो भी सब हुआ, उसके बावजूद हमारे मित्र देशों ने हमारा साथ दिया, युद्ध के फौरन बाद उन्होंने एकता दिखाई."
अपने भाषण में गाउक ब्रिटेन का जिक्र करना भी नहीं भूले जो यूरोपीय संघ का हिस्सा होने के बावजूद वीजा और मुद्रा के मामलों में अलग ही रहता है. कुछ समय पहले ही ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने ईयू से अलग होने की ओर भी इशारा किया है. जर्मनी में इसे ले कर कितनी चिंता है, यह बात गाउक की बातों में साफ छलकी, "हम चाहते हैं कि आप (ब्रिटेन) हमारे साथ रहें. सबसे पुराने संसदीय लोकतंत्र के तौर पर हमें आपके अनुभव की जरूरत है. हमें आपकी संस्कृति, आपकी व्यावहारिकता और आपके साहस की जरूरत है. अधिक यूरोप आपके बिना पूरा नहीं होगा."
राष्ट्रपति गाउक ने कहा कि वह इस बात से खुश हैं कि 2013 को यूरोपीय नागरिकों के साल के रूप में मनाया जा रहा है. यूरोपवासियों से एकजुट हो कर रहने की अपील करते हुए भाषण के अंत में बेहद भावनात्मक रूप से कहा, "यह मत पूछो कि यूरोप तुम्हारे लिए क्या कर सकता है, बल्कि यह पूछो कि तुम यूरोप के लिए क्या कर सकते हो."
आईबी/एएम (रॉयटर्स, डीपीए, एएफपी)