जापान से विदेशी पलायन की तैयारी में
१७ मार्च २०११शुक्रवार को आए भयानक भूकंप और सूनामी के कारण परमाणु विकिरण का खतरा बढ़ने के बाद ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने सबसे पहले अपने देश के नागरिकों से जापान छोड़ने को कहा. अमेरिका ने तो अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए चार्टर विमान भी भेजने शुरु कर दिए. इस बीच जापान के इंजीनियर परमाणु विकिरण संकट को बड़ा होने से रोकने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. खतरे की चपेट में आया जापान का फुकुशिमा परमाणु संयंत्र टोकियो से उत्तर पूर्व में 250 किलोमीटर दूर है.
जेट एविएशन हॉंगकॉंग के एमडी आइरिस राइजेन ने कहा कि चीन की इस जेट विमान कंपनी के पास जेट विमान बुक करने के लिए ढेरों आवेदन आ रहे हैं क्योंकि लोग जापान से जितनी जल्दी हो सके बाहर निकल जाना चाहते हैं. आइरिस ने कहा,"विमानों की बहुत ज्यादा मांग है हमारे पास आवेदनों की बाढ़ आ गई है." आइरिस के मुताबिक जापान से हॉंगकॉंग तक एक चार्टर्ड उड़ान का किराया 90 हजार से 1 लाख 40 हजार यूरो तक आता है. विमान के आकार के आधार पर किराया घटता बढ़ता है. राइजेन ने बताया कि उनकी कंपनी के पास सिर्फ एक 14 सीटों वाला जेट मौजूद है. इसके अलावा उनकी कंपनी 17 निजी विमान रखने वालों का प्रबंधन देखती है.
विदेशियों की तादाद ज्यादा होने के कारण लोग एक साथ विमान बुक कर बाहर निकलने पर विचार कर रहे हैं. जापान सरकार लगातार ये भरोसा दे रही है कि फिलहाल टोकियो में कोई खतरा नहीं है लेकिन लोग समझने को तैयार नहीं. अमेरिका विदेश विभाग ने जो अमेरिकी नागरिकों के लिए चार्टर विमान का इंतजाम किया है. इसके साथ ही उन्होंने अपने दूतावास के कर्मचारियों और उनके परिजनों को भी देश छोड़ कर जाने की इजाजत दे दी है. इस बीज अमेरिकी परमाणु कार्यक्रम से जुड़े अधिकारियों ने जापान से सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी मांगी है.
खतरा कितना
फुकुशिमा परमाणु संयंत्र पर कितना खतरा है इस बारे में जानकारों की राय बंटी हुई है. जापान में कारोबार करने वाले एक फ्रांसीसी कारोबारी ने कहा कंपनी जानकारों के बीच एक राय बनाने की कोशिश में जुटी है पर कुछ हासिल नहीं हो रहा. इस कारोबीरी ने बताया कि विदेशी कर्मचारियों को देश से बाहर भेजा जा रहा है स्थानीय लोगों की भी मदद की जा रही है. इस बीच चीन ने अपने हजारों नागरिकों को जापान से निकाल लिया है. कई बड़ी कंपनियों जिनमें इकिया और एच एंड एम भी शामिल है अपने कर्मचारियों को जापान से बाहर निकलने में मदद कर रही है. इन लोगों को पहले टोक्यो से बाहर भेजा जा रहा है जिसके बाद दूसरी जगह भेजने की कोशिश हो रही है.
महंगे टिकट
एयरलाइन कंपनियों पर दबाव बढ़ गया है. टोक्यो से हॉंगकॉंग, सिंगापुर और सिओल जाने वाले विमानों के लिए बस कुछ ही सीटें बची हैं उनके लिए भी जबरदस्त मारामारी है.मांग बढ़ने के बाद टिकटों की कीमत भी चढ़ गई है फिलहाल एक तरफ का टिकट 3000 यूरो में बेचा जा रहा है.
ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री केविन रड ने कहा है ,"बुनियादी सुविधाओं की किल्लत बढ़ने के कारण लोगों को जापान से बाहर जाने की चेतावनी दी गई है ऐसा रेडिएशन की खतरे की वजह से नहीं किया गया है. टोक्यो में स्कूल बंद हैं, बिजली नहीं है और एक जगह से दूसरी जगह आने जाने की दिक्कत है."
कुछ कंपनियों ने अपना कामकाज दक्षिणी शहर ओसाका से करना शुरु कर दिया है. इसकी वजह से यहां होटलों का किराया बढ़ गया है. इन होटलों का इस्तेमाल कंपनियां ऑफिस के रूप में कर रही हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः आभा एम