जोकोविच की जीत, यानी आदत बदल डालो
१३ सितम्बर २०११24 साल के इस सर्बियाई खिलाड़ी ने अमेरिकी ओपन को बेहद खूबसूरती से जीता है. सेमीफाइनल में रोजर फेडरर को हराने के बाद उन्होंने फाइनल में रफाएल नडाल को हराया. यानी दुनिया के दो सबसे बेहतरीन टेनिस खिलाड़ियों को एक के बाद एक हराकर उन्होंने साबित कर दिया कि वह सच्चे नंबर वन हैं.
सोमवार को खेले गए फाइनल में जोकोविच ने पिछले चैंपियन नडाल को 6-2, 6-4, 6-7, 6-1 से हराया. इस साल उनका यह तीसरा ग्रैंड स्लैम है. इस जीत के साथ ही उन्होंने संकेत दे दिया है कि पुरुष टेनिस में नई बादशाहत का दौर शुरू हो रहा है. इस बात को दिग्गज भी मान रहे हैं. सात बार ग्रैंड स्लैम जीत चुके मैट्स विलांडर ने कहा, "न्यूयॉर्क में पहला और अपने करियर का चौथा ग्रैंड स्लैम जीतने के बाद जोकोविच पूरे जोर से हवा में उछले. मेरे ख्याल से यह बस शुरुआत है. वह एक लहर पर सवार हैं. और यह लहर जल्द खत्म होने वाली नहीं है."
जिद की जीत
जोकोविच के लिए मुकाबला आसान नहीं था. उनकी पसली में दर्द था. कमर में दर्द था. और मांसपेशियों में खिंचाव था. मैच के दौरान उन्हें डॉक्टर की मदद के लिए ब्रेक लेना पड़ा. पेन किलर खाने पड़े. लेकिन उन्होंने हार मानने से इनकार कर दिया. नडाल पर उनकी जीत, जिद की जीत थी.
छोटे बड़े कुल मिलाकर जोकोविच ने इस साल 10 टाइटल जीते हैं. पिछले 66 मैचों में वह सिर्फ दो हारे हैं. ऑस्ट्रेलिया और विंबलडन में भी खिताब जीतने वाले जोकोविच ने कहा, "इस लेवल पर तो आपको उन बड़े लोगों के खिलाफ मुश्किल मैचों की ही जरूरत होती है. इससे भरोसा बनता है कि हां, मैं बड़े मैच और बड़े मुकाबले जीत सकता हूं."
अब जोकोविच नौसिखिये नहीं हैं जो प्रयोग कर रहे हों. अब वक्त आ गया है कि वह अपने खेल के बारे में बात कर सकते हैं. वह कहते हैं, "पिछले दो साल के दौरान मैंने अपने खेल में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया है. मेरे ज्यादातर बड़े स्ट्रोक वैसे ही हैं. फर्क बस इतना है कि मैं वे शॉट्स लगा रहा हूं. दो तीन साल पहले मैं उन्हें खेल ही नहीं रहा था. अब मैं ज्यादा आक्रामक हूं. आगे बढ़कर खेलता हूं. बड़े मुकाबलों के सेमी फाइनल और फाइनल को लेकर मेरी सोच अलग है."
नडाल से मुकाबला
इस साल की शुरुआत में नडाल से नंबर वन की कुर्सी छीनने वाले जोकोविच कहते हैं कि उनकी जीत का राज उनका आत्मविश्वास है. वह कहते हैं, "मुझे भरोसा हो गया है कि मैं जीत सकता हूं."
मैच के दौरान ऐसा लग रहा था कि उनका शरीर उनका साथ छोड़ रहा है. कई बार वह अपनी कमर पकड़े नजर आए. तब जोकोविच ने अपनी इच्छाशक्ति को शरीर से मजबूत बनाया लिया और साहस दर्द से बड़ा हो गया. वह बताते हैं, "मेरी पसली में दिक्कत थी. कमर भी मुझे परेशान कर रही थी. कई बार सर्विस के बाद मुझे परेशानी हुई. इसलिए मैंने तेज शॉट लगाने के बजाय सटीक शॉट लगाने पर ध्यान दिया."
जोकोविच जानते हैं कि नडाल फिटनेस में उनसे बेहतर हैं. इसलिए उन्होंने अलग रणनीति अपनाई. उनके शब्दों में, "तीसरे सेट के बाद तो कोर्ट पर वह मुझे कहीं ज्यादा फिट थे. इसलिए मुझे छोटे छोटे पॉइंट हासिल करने थे."
जोकोविच से हारने के बाद नडाल ने बहुत अदब से हार स्वीकार की. 10 ग्रैंड स्लैम जीत चुके नडाल ने कहा, "इस सीजन में तो जोकोविच बेहतरीन रहा है. उसका लेवल बहुत बहुत ऊंचा है. बेशक, इस वक्त मैं निराश हूं. लेकिन इस लड़के ने अचंभित कर देने वाली चीजें की हैं. इसलिए आप लोग नोवाक को बधाई दें. उसने इस साल जो किया है, उसे दोहराना शायद नामुमकिन होगा."
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः आभा एम