"डर्टी पिक्चर फिल्म लीक से हट कर है"
१ दिसम्बर २०११भारत में 1980 और 1990 के दशक में अपने बिंदास अंदाज के लिए मशहूर हुईं सिल्क स्मिता पर बनी इस फिल्म में विद्या बालन के अलावा नसीरुद्दीन शाह मुख्य किरदारों में नजर आएंगे. फिल्म के डायरेक्टर मिलन लुथारिया ने फिल्म पर खुल कर बात की. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के इंटरव्यू का कुछ हिस्सा.
सवाल: आपने सिल्क स्मिता पर फिल्म बनाने की क्यों सोची.
लुथारियाः उन जैसी बहुत महिलाएं थीं. यह फिल्म सिर्फ उन पर नहीं है. नायलोन नलिनी और पॉलिस्टर पद्मिनी. तो उनकी जिन्दगी कुछ अलग थी. इसमें कई ऐसी बातें हैं, जो खींचती हैं. हां, यह सच है कि यह महिला के खुले जीवन की कहानी है, जो पुरुष प्रधान समाज में अपना स्थान तलाशती है. मुझे यह जान कर अच्छा लगा कि उस वक्त के जो पुरुष सुपर स्टार थे, वे भी महीनों का इंतजार करते थे कि वे महिलाएं उनके फिल्म में गाना गाने का वक्त निकाल पाएं. उस वक्त कई खूबसूरत महिलाएं थीं, तो सिर्फ एक की बात क्यों की जाए.
सवाल: आपने 1980 की परिस्थिति को फिल्म में कैसे उतारा.
लुथारियाः अस्सी का दशक एक बिंदास दशक था. यह अच्छा समय था. हमने बहुत सी फिल्में देखी और हमें काफी कड़ी मेहनत करनी पड़ी. यह मेरी सबसे मुश्किल फिल्म रही है. क्योंकि बहुत सी रिसर्च करनी पड़ी, विद्या बालन से वजन बढ़ाने के लिए बहुत मेहनत करानी पड़ी. उन्हें ऐसे सीन करने के लिए तैयार करना भी बहुत टेढ़ी बात थी, जो उन्होंने इस फिल्म में किया है. लेकिन मुझे खुशी इस बात की है कि हर कोई इसकी तारीफ कर रहा है.
सवाल: यह आपकी दूसरी फिल्मों से कैसे अलग है.
लुथारियाः किसी महिला के शरीर पर तैयार कहानी और उसके इर्द गिर्द फिल्म बनाना बिलकुल अलग काम है. विद्या फिल्म में बहुत सेक्सी लगी हैं. लेकिन हमारा उद्देश्य था कि दर्शक किसी समय उससे भी आगे बढ़ कर उनकी भावनाओं के बारे में सोचें. इसके अलावा फिल्म में दक्षिण भारत का पुट भी है. हम चाहते थे कि हमारे चरित्र असली लगें.
सवाल: विद्या बालन ही क्यों.
लुथारियाः वह मेरी पहली पसंद थी. वह भारतीय सुंदरता का नमूना हैं. उनके पास जैसा चेहरा और शरीर है, वैसा हिन्दी फिल्मों से गायब होता जा रहा है. उनके पास सब कुछ है. वह हेमा मालिनी और वैजयंतीमाला जैसी हैं. इसके अलावा ऐसा किसी ने नहीं सोचा था कि वह इस तरह की फिल्म भी कर सकती हैं. हम इसे बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं. वह इंडस्ट्री की सबसे प्रतिभाशाली नायिकाओं में हैं और एक और खास बात यह है कि वह दक्षिण भारतीय हैं.
सवाल: फिल्म बनाने के दौरान आपके लिए सबसे बड़ी बात क्या रही.
लुथारियाः सबसे अहम बात विद्या का भरोसा पाना था. यह आसान नहीं था. लेकिन यह देखना बहुत भावुक अनुभव था कि जो महिला शुरू में आनाकानी कर रही थी, किस तरह से अपने डायरेक्टर का विश्वास करती है. वह पूरे समर्पण से फिल्म में काम करती है. मैंने देखा कि वह किस तरह हफ्ते दर हफ्ते अपना विरोध कम करती गईं और वह फिल्म में दिलचस्पी दिखाने लगीं.
इंटरव्यू: रॉयटर्स/ए जमाल
संपादन: महेश झा