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ड्रोन का शिकार बने अमेरिकी सैनिक

१३ अप्रैल २०११

ड्रोन मिसाइल के हमले का शिकार इस बार अमेरिकी सेना के दो जवान हुए हैं. इनमें से एक अमेरिकी मैरीन है जबकि दूसरा नेवी का जवान. अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक गलतफहमी से हुआ हादसा.

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तस्वीर: AP

अमेरिकी सेना ने इस मामले में अपनी जांच शुरू कर दी है. अफगानिस्तान के हेलमंद प्रांत में ये हादसा पिछले हफ्ते हुआ. अधिकारियों के मुताबिक मुमकिन है कि पहली बार ड्रोन हमले की जद में आए अमेरिकी सैनिक दोस्ताना अभ्यास के दौरान शिकार हुए हों.

लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर सामान्य रूप से जंग के मैदान में आसमान से सैनिकों को सहयोग देने में इस्तेमाल किए जाते हैं जबकि ड्रोन का इस्तेमाल तालिबानी लड़ाकों को निशाना बनाने के लिए किया जाता है. ड्रोन के हमले ने मिशिगन के 23 साल के बेंजामिन रास्ट और टेक्सास के जेरेमी स्मिथ को अपना निशाना बनाया है.

अमेरिकी टीवी चैनल एनबीसी ने इस घटना की सबसे पहले जानकारी दी. एनबीसी के मुताबिक दोनों सैनिक सांगिन में भारी गोलीबारी का सामना कर रहे मैरीन सैनिकों की मदद के लिए भेजी गई टुकड़ी में शामिल थे. यहां लंबे समय से कड़ा संघर्ष जारी है. सांगिन के पास मैरीन ऊपर उड़ रहे ड्रोन से लिए गए वीडियो को देख रहे थे तभी इन्फ्रारेड तस्वीरें उनकी तरफ मुड़ गईं मुमकिन है कि उन्होंने मैरीन साथियों को तालिबानी आतंकी समझ लिया हो.

पिछले हफ्ते हुई इस घटना के बारे में लॉस एंजिल्स टाइम्स में भी विस्तार से खबर छपी है जिसमें बताया गया है कि ये हमला गलत था. इसी साल फरवरी में रोबोट वाले विमान का संचालन कर रहे अमेरिकी सैनिकों ने अफगान नागरिकों के एक काफिले को तालिबान समझ कर हमला कर दिया. इस हमले में अमेरिकी सरकार के मुताबिक एक महिला और तीन बच्चों समेत 15 लोगों की जान गई. अफगानियों का कहना है कि इस हमले में 23 लोग मारे गए.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः ओ सिंह

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