तालिबान की मदद करते अमेरिकी ठेकेदार
८ अक्टूबर २०१०सीनेट की सैन्य सेवा समिति की जांच में कहा गया है कि निजी सुरक्षा एजेंसी के जवान अच्छी तरह प्रशिक्षित नहीं होते लेकिन इस बात को नजरअंदाज कर दिया जाता है. डेमोक्रैटिक सीनेटर कार्ल लेविन ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा, "ज्यादातर मौकों पर हम निजी सुरक्षा एजेंसियों पर आश्रित हैं. ऐसे में अफगानिस्तान में लड़ाकों के सरदार और अफगान सरकार से बाहर के लोगों को फायदा पहुंच रहा है."
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि कुछ सुरक्षा ठेकेदारों ने हमारी सेना के खिलाफ काम किया है, जिससे हमारी सेना पर खतरा बढ़ रहा है. इसमें कहा गया है, "इन ठेकेदारों की वजह से हमारी सेना की सुरक्षा खतरे में पड़ी है और हमारे मिशन को भी धक्का पहुंचा है."
न्यू अमेरिकन सिक्योरिटी के वरिष्ठ सदस्य रिचर्ड फॉन्टेन ने कहा है कि रिपोर्ट से ऐसी तस्वीर उभरती है, जिसका अंदेशा कई लोगों को पहले से ही रहा है कि अफगानिस्तान में अमेरिकी करदाताओं का पैसा उन लोगों के हाथ पड़ रहा है, जिनके खिलाफ सेना जंग लड़ रही है.
फॉन्टेन ने कहा, "यह एक अलार्म है कि अमेरिका अफगानिस्तान में काम कर रहे अपने ठेकेदारों और उप ठेकेदारों के प्रति कठोर कदम उठाए. पता होना चाहिए कि कौन कहां क्या कर रहा है और किस पैसे को किस काम में लगा रहा है."
अमेरिकी रक्षा विभाग के अधीन अफगानिस्तान में 26,000 निजी सुरक्षा कर्मचारी तैनात हैं, जिनमें कई अफगान नागरिक भी हैं. अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई ने हाल ही में कहा है कि चार महीने के अंदर विदेशों की निजी सुरक्षा एजेंसियों को बंद कर दिया जाना चाहिए.
अफगानिस्तान में निजी सुरक्षा एजेंसियां दूतावासों से लेकर अमेरिकी सैनिक संस्थाओं की सुरक्षा में लगी हैं. युद्ध से जर्जर देश में कई जगहों पर शूटिंग और मुठभेड़ों की वजह से निजी सुरक्षा एजेंसियों पर सवाल उठे हैं.
ऐसी ही एक रिपोर्ट में हेरात प्रांत के शिंदांद एयरबेस पर आर्मरग्रुप नॉर्थ अमेरिका को सुरक्षा का जिम्मा दिया गया, जिसने वहां संघर्ष में लगे लड़ाकों को सेवा में रखा. रिपोर्ट में कहा गया है कि वहां के ठेके के दौरान लड़ाके और गार्ड कई जगहों पर हत्या, बदले की कार्रवाई और फिरौती वसूलने में लगे रहे.
अमेरिकी अधिकारियों ने इस बात के संकेत दिए हैं कि सभी सुरक्षा ठेकेदारों से अचानक निजात पाना आसान नहीं होगा.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः महेश झा