1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

तेल रिसाव रुका, पर मुंबई का तट खतरे में

१० अगस्त २०१०

मुंबई के तट के सामने दुर्घटनाग्रस्त जहाज़ से तेल का रिसाव तो रुक गया है, लेकिन अधिकारियों के अनुसार अब तक बहे तेल की वजह से तटीय क्षेत्र का पर्यावरण गंभीर खतरे में है.

https://p.dw.com/p/OgcJ
तस्वीर: AP

शनिवार को मुंबई बंदरगाह के सामने पनामा में रजिस्टर्ड कार्गो जहाज एमएससी चित्रा एक दूसरे जहाज से टकरा गया था. जहाज के 12 टैंकों में 879 टन तेल लदा था. तटीय गार्ड के इंस्पेक्टर जनरल एसपीएस बसरा के अनुसार टकराने के बाद दो टैंक क्षतिग्रस्त हो गए, और उनमें से तेल बह निकला.

सवाल सिर्फ़ तेल का ही नहीं था. इस जहाज में कम से कम 200 कंटेनर लदे थे. दुर्घटना के बाद जहाज़ में 70 डिग्री का झुकाव आ गया और अनेक कंटेनर बह निकले. इनमें से कई कंटेनरों में जहरीले रासायनिक पदार्थ हैं.

बसरा ने कहा कि तेल का बहना अपने-आप रुक गया है. तटीय गार्ड जहाजों और विमानों से समुद्र में प्रदूषण रोकने वाली दवाइयां छिड़क रहे हैं.

मुंबई के मुख्य चैनेल में बड़े जहाजों का आना-जाना रुक गया है. दोनों बंदरगाहों में काम में रुकावट आ रही है.

महाराष्ट्र सरकार ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि जब तक स्थिति नियंत्रण में नहीं आती है, अरब सागर में मछली न पकड़ी जाए व ऐसी मछली खाने से परहेज किया जाए. भाभा परमाणु शोध केंद्र व अन्य संस्थानों से कहा गया है कि अरब सागर के पानी का इस्तेमाल न करें, क्योंकि उसमें तेल व अन्य ज़हरीले पदार्थ हो सकते हैं.

तटीय क्षेत्र के सर्वेक्षण के लिए बॉम्बे नेचरल हिस्ट्री सोसाइटी की ओर से कई दल भेजे गए हैं. संस्थान के वैज्ञानिक दीपक आप्टे ने कहा कि कई जगह तेल के अवशेष पाए गए हैं. इनके नमूने इकट्ठे किए गए हैं और बुधवार से उनकी जांच शुरू होगी.

जहाजरानी विभाग की ओर से दुर्घटना की जांच की जा रही है. महाराष्ट्र के पर्यावरण मंत्री सुरेश शेट्टी ने कहा कि ऐसा लगता है कि दोनों जहाज़ों के बीच संपर्क में रुकावट आई थी. फ़्रीक्वेंसी की समस्या के कारण ऐसा हो सकता है. मुंबई के तट से लगभग 9 किलोमीटर की दूरी पर दोनों जहाज़ टकराए थे.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: आभा एम

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें