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दलाई लामा को नहीं मिला द. अफ्रीका का वीजा

४ अक्टूबर २०११

नोबेल शांति पुरस्कार विजेता दलाई लामा को दूसरी बार दक्षिण अफ्रीका का वीजा नहीं मिला. इसके बाद उन्हें अपना दौरा रद्द करना पड़ा और जैकब जूमा प्रशासन पर एक बार फिर सवाल खड़े हो रहे हैं कि वह चीन के दबाव में ऐसा कर रहा है.

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दूसरी बार वीजा से इनकारतस्वीर: DW

रंगभेद के खिलाफ संघर्ष करने वाले दक्षिण अफ्रिका के आर्चबिशप डेसमंड टुटु ने अपने 80वें जन्मदिन के समारोह में हिस्सा लेने के लिए दलाई लामा को दक्षिण अफ्रीका बुलाया था. टुटु और दलाई लामा दोनों को नोबेल शांति पुरस्कार मिल चुका है. लेकिन वीजा नहीं मिलने के बाद उनके दफ्तर से जारी संदेश में कहा गया, "हिज होलीनेस को 6 अक्तूबर, 2011 को दक्षिण अफ्रीका रवाना होना था लेकिन उन्हें अभी तक वीजा नहीं दिया गया है. इसलिए हम समझते हैं कि किसी एक वजह या कई वजहों से दक्षिण अफ्रीकी सरकार वीजा जारी करने में असुविधा जता रहा है."

भारतीय शहर धर्मशाला से निर्वासित तिब्बत सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका का यह कदम चीन के दबाव में लिया गया है. प्रवक्ता थुबटन साम्फेल ने कहा, "हम इस बात से बेहद निराश हैं कि दक्षिण अफ्रीका जैसा एक संप्रभु राष्ट्र चीन के दबाव में चला जाएगा. यह निराशाजनक बात है."

Flash-Galerie Dharamshala Dalai Lama Tempelrede
चीन की सरकार दलाई लामा को खतरनाक अलगाववादी मानती हैतस्वीर: DW

इससे पहले 2009 में प्रीटोरिया ने दलाई लामा को वीजा नहीं दिया था और उस वक्त तो उसने यह मान भी लिया था कि ऐसा वह चीन के कहने पर कर रहा है. चीन दलाई लामा के सख्त खिलाफ है और उन्हें अलगाववादी मानता है.

जूमा सरकार की आलोचना

उधर, टुटु ने भी जूमा सरकार से नाराजगी जताई है. उनके दफ्तर से जारी एक बयान में कहा गया, "अब तक हमें जो भी पत्र मिले हैं, उनमें सिर्फ यही कहा गया है कि उन्हें हमारा पत्र मिला है." जूमा ने सोमवार को कहा था कि उन्हें नहीं मालूम कि दलाई लामा को वीजा मिलेगा या नहीं और कहा था कि यह मामला देश के अंतरराष्ट्रीय संबंध विभाग का है.

China Tibet Südafrika Treffen zwischen Dalai Lama und Erzbischof Desmond Tutu
टुटु ने दलाई लामा को अपने जन्मदिन पर आमंत्रित किया थातस्वीर: AP

टुटु के जन्मदिन समारोह में छह अक्तूबर को एक किताब का लोकार्पण किया जाएगा और चर्च सर्विस होगी. उसके बाद अगले दिन एक पिकनिक पार्टी मनाई जाएगी, जो कि टुटु का वास्तविक जन्मदिन है.

चीन बार बार दलाई लामा के विदेशी दौरों को काटना चाहता है और मेजबान देशों को चेतावनी देता है कि अगर उन्होंने दलाई लामा के दौरे को अनुमति दी तो उसका बुरा नतीजा हो सकता है. खास तौर पर यदि राष्ट्रीय नेताओं के स्तर पर उनकी बातचीत हुई तो.

डील की खातिर!

दलाई लामा के एक प्रवक्ता थेम्पा सेरिंग ने कहा, "दलाई लामा जहां कहीं भी जाते हैं, वे उनके दौरे को रोकने की कोशिश करते हैं." इसके बाद उनके दफ्तर ने दौरे को खारिज करते हुए कहा कि दलाई लामा किसी के लिए भी मुश्किल परिस्थिति नहीं पैदा करना चाहते.

दक्षिण अफ्रीका के उप राष्ट्रपति कगालेमा मोतलांते ने पिछले हफ्ते चार दिनों का चीन दौरा किया है, जिस दौरान उन्होंने व्यापार के कई समझौतों पर दस्तखत किए हैं. दलाई लामा ने 1959 में तिब्बत छोड़ दिया था और तब से वह भारत में निर्वासित जीवन बिता रहे हैं.

रिपोर्टः डीपीए, एएफपी/ए जमाल

संपादनः ए कुमार

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