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दिल्ली ग्रां प्री: ट्रैक तैयार पर रहने की जगह नहीं

१ अक्टूबर २०११

इस महीने के आखिर में भारत में पहली फॉर्मूला वन रेस होनी है. इस फॉर्मूला वन ग्रां प्री से भारत कई तरह की उम्मीदें लगाए बैठा है. जैसे खेल बढ़ेगा, टूरिजम बढ़ेगा और व्यापार बढ़ेगा. लेकिन सुविधाओं की कमी एक बड़ा रोड़ा है.

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तस्वीर: AP

भारत की पहली ग्रां प्री के लिए तैयारियां मुकम्मल हो चुकी हैं. लेकिन जो लोग इस ग्रां प्री को देखने दिल्ली आना चाहते हैं, उनकी तैयारियां पूरी नहीं हो पा रही हैं. होटलों की कमी है और हवाई यात्रा लगातार महंगी हो रही है.

एफ वन के लिए तैयार किए गए बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट को अंतरराष्ट्रीय संस्था ने पिछले महीने ही मंजूरी दे दी थी. एफआईए के रेस डायरेक्टर चार्ली विटिंग ने 5.14 किलोमीटर लंबे इस ट्रैक में थोड़े बहुत बदलावों की सिफारिश की है लेकिन कुल मिलाकर संस्था इस ट्रैक से संतुष्ट है. 30 अक्तूबर को यहां पहली रेस होगी.

होटलों का क्या होगा

रेस ट्रैक तैयार हो जाने के बाद अब आयोजकों का ध्यान बाकी चीजों की ओर गया है. उम्मीद की जा रही है कि इस रेस को देखने के लिए हजारों की तादाद में दर्शक पहुंचेंगे. इनमें विदेशी दर्शकों की भी अच्छी खासी तादाद होगी.

लेकिन ट्रैक की जगह को लेकर कुछ दिक्कतें पेश आ रही हैं. यह ट्रैक दिल्ली से 40 किलोमीटर दूर ग्रेटर नोएडा में बनाया गया है. ग्रेटर नोएडा एक नया शहर है. यहां गिने चुने ही अच्छे होटल हैं. ऐसे में मेहमानों को दिल्ली में ही रुकना होगा. दिल्ली में ग्रेटर नोएडा का 40 किलोमीटर का सफर कई बार तो दो से भी ज्यादा घंटे में पूरा होता है क्योंकि इस रास्ते पर ट्रैफिक की हालत बहुत खराब है.

नोएडा में 88 कमरों वाला पार्क प्लाजा होटल चलाने वाली संस्था बेस्टेक हॉस्पीटैलिटीज के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर रजनीश मल्होत्रा कहते हैं, "उस इलाके में कमरों की बुकिंग तेजी से हो रही है. यूं भी होटलो के लिए अक्टूबर एक अच्छा महीना होता है. और फिर इसी सीजन में एफवन होने से कमरों में मांग एकदम बढ़ गई है. ग्रां प्री के दौरान होटलों ने अपने कमरों के रेट 50 से 80 फीसदी तक बढ़ा दिए हैं."

हुआ ऐसा है कि जिन कमरों का किराया छह हजार रुपये थे, अब वे नौ हजार से भी ज्यादा में मिल रहे हैं. 40 हजार रुपये तक के किराये वाले सुपर लग्जरी कमरे तो पहले ही बुक हो चुके हैं.

ग्रेटर नोएडा और नोएडा में आधा दर्जन होटल ही थ्री स्टार या उससे ऊपर के स्तर के हैं. उनके सारे कमरे बुक हो चुके हैं.

नई दिल्ली की ट्रैवल कंपनी वीडूइट4यू के डायरेक्टर विकास सूदा बताते हैं कि आमतौर पर ग्रेटर नोएडा में होटलों की बुकिंग किसी कान्फ्रेंस वगैरह के लिए होती है लेकिन इस साल बात अलग है. वह बताते हैं, "हमने उस इलाके के बड़े होटलों में लगभग 18 कमरे बुक कर लिए हैं. हमारे ग्राहकों ने हमें पहले ही अपनी जरूरतों के बारे में बता दिया था और हमने उनके लिए अच्छी कीमतों में कमरे बुक कर लिए."

हवाई किरायों में उछाल

हवाई किरायों में हुई बढ़ोतरी भी नई दिल्ली ग्रां प्री के लिए आने वाले दर्शकों की रफ्तार कम कर रही है. हाल ही में किरायों में औसतन 25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. सुदा बताते हैं, "हवाई किराये तो आसमान छू रहे हैं. लेकिन यह काम ज्यादातर लोग इंटरनेट पर ही कर रहे हैं और काफी पहले से कर रहे हैं क्योंकि अपनी टिकट सब लोग पहले ही बुक कर लेना चाहते हैं." सुदा तो यह हालत देखकर अगले साल एक खास पैकेज बनाने की तैयारी कर रहे हैं. वह कहते हैं, "हम अब अगली ग्रां प्री की तैयारी कर रहे हैं. हम ऐसे पैकेज लॉन्च करेंगे जो भारत में ही नहीं, बाहर भी प्रचारित किए जा सकें. वहां बड़ा बाजार है और पैकेज डील एफवन के चाहने वालों को आकर्षित करेगी."

हालांकि सभी टूअर ऑपरेटर ऐसा नहीं सोच रहे हैं. इंडियन असोसिएशन ऑफ टूअर ऑपरेटर्स के प्रमुख विजय ठाकुर कहते हैं, "भारत में एफवन की सफलता की कोई गारंटी नहीं है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसे लेकर काफी दिलचस्पी हो सकती है लेकिन फर्क इस बात से पड़ता है कि इसकी मार्केटिंग कैसे होती है."

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एन रंजन

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