दुनिया भर के अखबारों में छाया रोमांचक मैच
२८ फ़रवरी २०११रविवार का मैच एकदम घड़ी के पैंडुलम की तरह रहा. कभी इधर, कभी उधर और जब घड़ी की बैटरी खत्म हो गई तो पैंडुलम बीच में आकर रुक गया. ऐसा ही बैंगलोर में भी हुआ. मैच खत्म हुआ तो स्कोर बराबरी पर था.
द टेलीग्राफ ने कहा है, ''रविवार से पहले बहुत सारे लोग स्ट्रॉस को वनडे का बल्लेबाज मानने से कतराते थे. ऐसे लोग अब चुप्पी साध चुके हैं. स्ट्रॉस की बेजोड़ पारी ने भारत में भारतीय टीम की हालत खस्ता कर दी. केविन पीटरसन तो बस ऐसी पारियों का सपना देख सकते हैं.''
ब्रिटेन के अखबारों ने मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर की भी दिल खोलकर तारीफ की है. द टेलीग्राफ ने लिखा, ''तेंदुलकर की शानदार पारी भी बेकार जाने लायक नहीं थी और ऐसा ही हुआ भी.''
इंटनेशनल हेराल्ड ट्रिब्यून के मुताबिक, ''इंग्लैंड के कप्तान एंड्र्यू स्ट्रॉस के संघर्ष ने वर्ल्ड कप के यादगार मैच को टाई कर दिया. तेंदुलकर की 120 रन की पारी ने भारत को शानदार शुरुआत दी. लेकिन स्ट्रॉस, बेल और ब्रेसनन ने इंग्लैंड को संतोष करने का मौका दिया.''
द इंडिपेंडेंट ने भी मैच को यादगार बताते हुए तेंदुलकर और स्ट्रॉस को नायकों की तरह पेश किया है. अखबार लिखता है, ''टूर्नामेंट के रोमांचक मैच में स्ट्रॉस और तेंदुलकर नायक रहे. वनडे क्रिकेट के विज्ञापन के लिए इससे अच्छा मैच और कोई नहीं हो सकता. यह 99.5 फीसदी सच है कि 338 रन बनाने वाली टीम जीतती है लेकिन स्ट्रॉस और तेंदुलकर के लिए यह बातें मायने नहीं रखती है. उनकी शानदार पारियों ने अपनी टीम को हारने नहीं दिया.''
मैच की चर्चा ऑस्ट्रेलिया के अखबारों में भी है. द सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड ने इसे सांस रोक देने वाला रोमांचक मैच बताया है. अखबार कहता है, ''सचिन तेंदुलकर और एंड्र्यू स्ट्रॉस के शतकों की बदौलत भारत और इंग्लैंड के बीच रोमांचक मैच टाई रहा. स्ट्रॉस वर्ल्ड कप में इंग्लैंड की ओर से सबसे लंबी पारी खेलने वाले बल्लेबाज बने. वहीं एंडरसन वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा रन देने वाले इंग्लिश गेंदबाज बने.''
वहीं भारतीय अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया ने बड़े दिलचस्प ढंग से मैच का हाल लिखा है, ''भारत और इंग्लैंड दोनों यह मैच हारने के योग्य थे लेकिन नतीजा टाई रहा.भारतीय टीम 338 का बढ़िया स्कोर बचाने में नाकाम रहीं. वहीं इंग्लैंड ने जीत के मुहाने पर पहुंच कर खुद के पांव में कुल्हाड़ी मार दी.
इंडियन एक्सप्रेस कहता है, ''यह एक यादगार मैच रहा. एंड्र्यू स्ट्रॉस ने पहले ही कहा था कि वह बैंगलोर में भारतीय दर्शकों को चुप कराना चाहेंगे. अपनी बेहतरीन पारी से उन्होंने 40,000 दर्शकों को चुप करा भी दिया. उन्होंने भारत के 339 के लक्ष्य को आसान सा बना दिया.''
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: ईशा भाटिया