देश या क्लब, क्रिकेटरों को चुनने दोः कपिल
३० मई २०११कपिल ने कहा, "हर किसी को यह चुनने का अधिकार है कि वे देश के लिए खेलना चाहते हैं या फिर अपने क्लब के लिए. मुझे अपने देश के लिए खेलना पसंद था, तो मैं खेला. लेकिन अब चीजें बदल गई हैं. जिंदगी बदल गई है. इस दौर में आप किसी की जिंदगी को कंट्रोल नहीं कर सकते." जब उनसे भारत में देश बनाम क्लब की बहस के बारे में पूछा गया तो कपिल ने कहा कि हर किसी को अपनी पसंद के मुताबिक काम करने की अनुमति होनी चाहिए.
सचिन तेंदुलकर, गौतम गंभीर, युवराज सिंह और वीरेंद्र सहवाग जैसे वरिष्ठ खिलाड़ी चोट या थकान की वजह से भारत के वेस्ट इंडीज दौरे पर नहीं जा रहे हैं. इससे अटकलें लगने लगी हैं कि क्रिकेटर राष्ट्रीय टीम में खेलने की बजाय पैसे बरसाने वाले आईपीएल टूर्नामेंट को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं.
भारत को पहला वर्ल्ड कप दिलाने वाले कपिल देव से जब पूछा गया क्या खिलाड़ियों को इन दिनों जरूरत से ज्यादा क्रिकेट खेलना पड़ रहा है तो उन्होंने कहा, "मुझे तो पता नहीं. किसी के लिए यह कम हो सकता है किसी के लिए ज्यादा. यह तय करना आयोजकों का काम है कि कितना क्रिकेट होना चाहिए. अपने समय में हम छह से सात महीने खेला करते थे, लेकिन अब तो क्रिकेटर लगभग पूरे साल खेल रहे हैं."
जब कपिल देव से पूछा गया कि क्या वह 1983 में मिले वर्ल्ड कप की पिछले महीने जीते गए वर्ल्ड कप से तुलना करते हैं तो उन्होंने कहा, "मुझे गर्व होता है. एक बड़े भाई या फिर अभिभावक की तरह मुझे मौजूदा टीम पर बहुत गर्व है. आज का समय हमारे वक्त से बहुत बेहतर है. अब हर क्षेत्र में विश्व स्तरीय खिलाड़ी हैं."
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एमजी