नए हीरो देगा अफ्रीका कप फुटबॉल
२१ जनवरी २०१२इक्वाटोरियल गिनी अफ्रीका का अकेला स्पैनिश बोलने वाला और बहुत छोटा सा देश है जबकि उसका पड़ोसी गाबुन फ्रैंच बोलने वाला बहुजातीय देश है जहां प्रति किलोमीटर सिर्फ 5.5 लोग रहते हैं. फुटबॉल के लिए असीम प्यार के अलावा दोनों असमान पड़ोसियों को एक और बात जोड़ती है. अटलांटिक तट पर बसे इन देशों में तेल और दूसरे खनिज पदार्थों की बहुतायत है. अफ्रीका कप से इन देशों को उम्मीद है कि दूसरे देशों की नजर उसकी आर्थिक संभावनाओं पर भी पड़ेगी.
अफ्रीका कप का शुभंकर गागुई आयोजकों के राष्ट्रीय रंगों हरा, उजला और नीले में 12 फरवरी तक दोनों देशों के चार स्टेडियमों में दौड़ता भागता नजर आएगा. खेल लिबरविल, फ्रांसविल, मालाबो और बाटा के स्टेडियमों में होंगे. उसकी जिम्मेदारी आयोजक देशों के समर्थकों को मस्ती कराने की भी होगी क्योंकि न तो गाबुन की टीम बहुत अच्छी है और न ही गिनी की. अफ्रीका की 53 टीमों में गाबुन 20 वें नंबर पर है और गिनी 41वें नंबर पर.
सेनेगल ने अब तक कभी अफ्रीका कप नहीं जीता है लेकिन क्वालिफाइंग दौर के कई प्रदर्शनों के बाद अब उसे भी कप के दावेदारों में माना जा रहा है. कई दशकों में पहली बार इसे सबसे खुला टूर्नामेंट माना जा रहा है. इस साल टूर्नामेंट में न तो टाइटलधारी मिस्र मौजूद है और न ही परंपरागत रूप से अच्छा खेलने वाले नाइजीरिया, कैमरून, दक्षिण अफ्रीका और अल्जीरिया. वे क्वालिफायर की बाधा पार नहीं कर पाए. उनकी गैरमौजूगदी में घाना, आइवरी कोस्ट और मोरक्को को भी गंभीर दावेदार माना जा रहा है.
दस साल पहले टाइटल जीतने से बस एक पेनल्टी किक दूर सहा सेनेगल क्वालिफायर के बाद अच्छी फॉर्म वाला टीम बनकर उभरा है. उसने दो मैच बाकी रहते ही ग्रुप में पहला स्थान हासिल कर लिया था. उसकी टीम में अच्छी प्रतिभाएं हैं जिनमें मूसा साव और पेप डेम्बा चिसे जैसे खिलाड़ी हैं. साव ने पिछले सीजन में लीग वन में सबसे अधिक गोल किए थे जबकि डेम्बा चिसे बुंडेसलीगा में दूसरे सबसे अधिक गोल करने वाले खिलाड़ी थे.
कप के गंभीर दावेदार टीमों में सेनेगल की टीम अकेली ऐसी टीम है जिसने अब तक अफ्रीका कप नहीं जीता है. लेकिन दूसरी टीमें पिछले समय में अच्छे फॉर्म में नहीं रही हैं. आइवरी कोस्ट ने पिछली बार 20 साल पहले कप जीता था जबकि घाना को अपना अंतिम चौथा कप जीते 30 साल हो गए. मोरक्को भी अतीत के गौरव को वापस लाने की कोशिश कर रहा . वह चार बार वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंच चुका है, लेकिन सिर्फ एक बार 1976 में अफ्रीका कप जीता है.
चेल्सी के स्ट्राइकर दिदियर ड्रोग्बा एक बार फिर आइवरी कोस्ट की टीम के केंद्रीय खिलाड़ी है हालांकि टीम में याय तूरे भी हैं जो पिछले महीने अफ्रीका के सर्वोत्तम फुटबॉलर चुने गए हैं. पिछले तीन टूर्नामेंटों में निराश करने बाद सारी निगाहें 33 वर्षीय ड्रोग्बा पर होंगी.
घाना की अंतिम जीत 1982 में हुई थी जब आब्दी पेले 17 साल के खलबली थे और अपनी टीम की जीत के उत्प्रेरक. अब उनके दो बेटे टीम में हैं और घाना इस बार वर्ल्ड कप और पिछले अफ्रीका कप से बेहतर प्रदर्शन करना चाहता है. कैप्टन जॉन मेंसाह कहते हैं कि हममें टीम भावना है जो इस तरह की प्रतियोगिता के लिए बहुत जरूरी है.
चोटी के देशों की अनुपस्थिति में इस बार बोत्स्वाना और नाइजर टूर्नामेंट में हैं. कप के लिए क्वालिफाई करने वाला एक महत्वपू्र्ण देश लीबिया रहा जिसने देश में गद्दाफी विरोधी आंदोलन के बावजूद क्वालिफाई किया है. देश की खराब स्थिति के कारण उन्हें एक को छोड़कर अपना सारा मैच देश के बाहर खेलना पड़ा लेकिन उन्होंने अपने सारे मैच जीते.
टूर्नामेंट का उद्घाटन मैच लीबिया और इक्वैटोरियल गिनी के बीच खेला जाएगा.
रिपोर्टः रॉयटर्स, एसआईडी/महेश झा
संपादनः एन रंजन