नतीजे का वादा करती है हैदराबाद टेस्ट की पिच
११ नवम्बर २०१०चंद्रशेखऱ के मुताबिक पिच को तैयार करने में लाल और काली मिट्टी की मदद ली गई है जिसे आंध्र प्रदेश में इस्तेमाल में लाया जाता रहा है. हालांकि भारत के अन्य हिस्सों में इस तरह से पिच तैयार नहीं की जाती है. दूसरे टेस्ट के लिए भारतीय टीम हैदराबाद पहुंच चुकी है. अहमदाबाद में खेला गया पहला टेस्ट ड्रॉ रहा है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई को चंद्रशेखर ने बताया, "हम उम्मीद कर रहे हैं कि पिच से मैच का नतीजा जरूर निकलेगा. मैच के पांचों दिन पिच बरकरार रहेगी यानी उसके टूटने की संभावना नहीं है. काफी समय से हम अच्छी पिच तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं." हालांकि उन्होंने यह बताने से इंकार कर दिया कि इस पिच से गेंदबाजों को मदद मिलेगी या फिर बल्लेबाजों को इसका फायदा होगा.
वैसे हैदराबाद की पिच को बल्लेबाजों के लिए मुफीद माना जाता है. नवंबर 2009 में आखिरी बार यहां एकदिवसीय मैच खेला गया जिसमें सचिन तेंदुलकर ने धुंआधार 175 रनों की पारी खेलते हुए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ असंभव सी जीत के करीब पहुंचा दिया था हालांकि मैच भारत हार गया था. उस मैच में करीब 700 रन बने.
न्यूजीलैंड के बल्लेबाज रॉस टेलर का कहना है कि अहमदाबाद की तरह हैदराबाद की पिच सपाट नहीं होगी. "मुझे नहीं लगता कि यह पिच अहमदाबाद जितनी सपाट होगी और इससे हमारे आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी होगी. वैसे हम भारतीय बल्लेबाजों और गेंदबाजों को परख चुके हैं. हम उनके खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाएंगे और उन्हें दबाव में लाने की कोशिश करेंगे."
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: उज्ज्वल भट्टाचार्य