नहीं रोकेंगे परमाणु कार्यक्रम: अहमदीनेजाद
९ नवम्बर २०११अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी की रिपोर्ट के बाद रूस ने ईरान का खुला समर्थन किया है. रूस के समर्थन के बाद ईरानी राष्ट्रपति ने कहा, परमाणु कार्यक्रम के रास्ते से नहीं हटेंगे. सैन्य कार्रवाई की आशंका के बीच ईरान बातचीत के लिए भी तैयार है.
ईरान के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा, "हमने हमेशा कहा है कि हम सकारात्मक और उपयोगी समझौते के लिए तैयार हैं. लेकिन जैसा हम पहले भी साफ कर चुके हैं कि बातचीत तभी सफल होगी जब समझौते में समानता और हर देश के अधिकारों का सम्मान किया जाएगा."
लेकिन विदेश मंत्रालय के बयान के बाद ईरान के राष्ट्रपति मोहम्मद अहमदीनेजाद का बयान आया. अहमदीनेजाद ने कहा कि उनका देश परमाणु कार्यक्रम नहीं छोड़ेगा. दरअसल रूस के विदेश उप मंत्री गेनादी गातिलोव ने कहा कि उनका देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के जरिए ईरान पर नए प्रतिबंध नहीं लगने देगा. रूस के पास वीटो पावर है. गातिलोव ने साफ कहा कि ईरान पर किसी भी तरह के नए प्रतिबंध अस्वीकार्य हैं. रूस से रुख से अहमदीनेजाद को काफी राहत मिली.
परमाणु हथियारों की तरफ ईरान
अंतरराष्ट्रीय हल्कों में बुधवार को ईरान का परमाणु कार्यक्रम ही छाया रहा. मंगलवार रात आईएईए की 13 पन्नों की रिपोर्ट आई. इसमें कहा गया है कि ईरान परमाणु हथियार बनाने की तरफ बढ़ रहा है. यह नहीं कहा गया है कि तेहरान परमाणु हथियार बना रहा है लेकिन ईरान की मंशा पर सवाल उठाए गए हैं. आशंका जताई गई है कि ईरान परमाणु हथियार बनाने के लिए जरूरी परीक्षण कर रहा है.
रिपोर्ट कहती है कि इस बात के संकेत मिले हैं कि ईरान हाई एक्सप्लोसिव्स का टेस्ट कर रहा है. वह नाभिकीय विस्फोट करने के लिए जरूरी डेटोनेटर का निर्माण कर रहा है. आईएईए के मुताबिक परमाणु हथियारों के मूल आधार को लेकर भी कंप्यूटर मॉडलिंग की जा रही है. रिपोर्ट में माना गया है कि तेहरान परमाणु परीक्षण की तैयारी कर रहा है और परमाणु हथियार ढोने में सक्षम मिसाइल शाहाब 3 भी बना रहा है. यह मिसाइल इस्राएल तक मार कर सकती है.
रिपोर्ट से उबाल
आईएईए की रिपोर्ट के बाद इस्राएल और पश्चिमी देशों में ईरान के प्रति बेचैनी बढ़ गई है. जर्मनी और फ्रांस ने ईरान के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाने की मांग की है. बर्लिन में जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल के प्रवक्ता ने कहा कि ईरान को बातचीत की मेज पर लौटना चाहिए. जर्मनी के विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले ने कहा, "अगर ईरान परमाणु कार्यक्रम को लेकर गंभीर समझौते से इनकार करता रहता है तो कड़े प्रतिबंधों से नहीं बचा जा सकता है."
जर्मनी ने यह भी साफ कहा है कि वह ईरान के खिलाफ किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई के खिलाफ है. परमाणु कार्यक्रम के मुद्दे पर जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन, रूस और चीन ईरान के साथ बातचीत कर रहे हैं.
चीन के ईरान से अच्छे संबंध हैं. आईएईए की रिपोर्ट के बाद चीन ने इतना ही कहा है कि कूटनीति और बातचीत से इस मसले को हल किया जाना चाहिए. ईरान का पड़ोसी भारत भी इस मुद्दे पर फिलहाल चुप है.
इस्रराएल के राष्ट्रपति शिमोन पेरेज बीते हफ्ते कह चुके हैं कि अगर ईरान परमाणु हथियार बनाता है तो उस पर हमले की बहुत ज्यादा संभावना है.
रिपोर्ट: एपी, एएफपी, डीपीए/ओ सिंह
संपादन: ए कुमार