नाटो के लिए रास्ता खोलने को तैयार पाकिस्तान
१६ मई २०१२पाकिस्तान ने पिछले साल नवम्बर में अफगान सीमा पर अमेरिकी हमले में 24 सैनिकों के मारे जाने के बाद अफगानिस्तान के लिए नाटो की सप्लाई के रास्ते बंद कर दिये थे. इस हमले के बाद मई में एक कमांडो कार्रवाई में ओसामा बिन लादेन की हत्या के बाद से खराब अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्ते और बिगड़ गए. अमेरिका ने पाकिस्तानी सैनिकों की मौत पर अफसोस व्यक्त किया लेकिन हमले के लिए माफी मांगने से इंकार कर दिया.
अब नाटो की शिखर भेंट से पहले दोनों देशों के बीच सुलह के संकेत मिल रहे हैं लेकिन दोनों ही पक्षों में संदेह वाले रिश्ते में तनाव बने रहने की संभावना है. वाशिंगटन में बहुत से लोगों का मानना है कि पाकिस्तान तालिबान की मदद कर रहा है, जिसकी वजह से अफगानिस्तान युद्ध जीतना असंभव है. अमेरिका ने पिछले दो सप्ताह से पाकिस्तान पर नाटो के लिए रास्तों को खोलने के लिए दबाव बनाया है और अधिकारियों ने साफ कर दिया था कि यदि पाकिस्तान ऐसा नहीं करता है तो उसे शिकागो में होने वाले सम्मेलन में नहीं बुलाया जाएगा.
रुख में नर्मी
बुधवार को पाकिस्तानी कैबिनेट ने नाटो के लिए रास्ता खोलने पर चर्चा की. सूचना मंत्री कमर जमा कैरा ने कहा कि कैबिनेट ने नाटो सम्मेलन में हिस्सा लेने का फैसला किया है. उन्होंने यह भी कहा कि नाटो की सप्लाई लाइन को खोलने के बारे में अभी फैसला नहीं हुआ है. मंगलवार को कैबिनेट की सुरक्षा समिति में नाटो के लिए रास्ता खोलने पर चर्चा और अधिकारियों को बातचीत पूरी करने के निर्देश के बाद साफ हो गया था कि पाकिस्तान अपने रुख में नर्मी ला रहा है. विदेश मंत्री हिना रब्बानी खर ने बैठक से पहले ही नाटो के लिए रास्तों को खोलने का समर्थन करते हुए कहा था कि पाकिस्तान ने छह महीने तक ट्रांजिट बंद रख कर अपना रुख साफ कर दिया है.
मंगलवार को नाटो के महासचिव आंदर्स फो रासमुसेन ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को फोन कर शिकागो सम्मेलन में आने का न्यौता दिया. नाटो के प्रवक्ता ओआना लुंगेस्कू ने ब्रसेल्स में कहा, "यह बैठक अफगानिस्तान की जनता और उसके भविष्य के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की दृढ़ प्रतिबद्धता पर जोर देगी. उस भविष्य में पाकिस्तान को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है."
वाशिंगटन में पाकिस्तानी दूतावास के प्रवक्ता नदीम होतियाना ने कहा कि जरदारी के सम्मेलन में भाग लेने की संभावना है. इससे पहले पाकिस्तानी मंत्रियों और सैनिक कमांडरों की भेंट के बाद कैबिनेट की रक्षा समिति ने शिकागो के निमंत्रण का अनुमोदन कर दिया था. उसने यह तो नहीं कहा कि नाटो के लिए सप्लाई के रास्ते खोले जा रहे हैं, लेकिन कहा कि रास्ता खोलने पर अमेरिका और नाटो के साथ बातचीत पूरी होनी चाहिए.
पाकिस्तान को फायदा
पाकिस्तानी संसद ने हमले के लिए अमेरिकी माफी और पाकिस्तानी सीमा में ड्रोन हमलों को रोकने की मांग की थी, जिसे अमेरिका ने ठुकरा दिया है. पाकिस्तान सप्लाई रूट के लिए अधिक पैसा भी चाहता है. पहले वह 40 फुट के कंटेनर के लिए 160 डॉलर की फीस लेता था, लेकिन अब 320 से 500 डॉलर चाहता है. अमेरिका ने 1.1 अरब डॉलर के भुगतान की गारंटी दी है. समझौते से पाकिस्तान का आर्थिक फायदा होगा ही, अफगानिस्तान के भविष्य पर होने वाली बातचीत से अलग थलग होने का भी खतरा टल जाएगा.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता विक्टोरिया नूलैंड ने कहा है कि पाकिस्तानी और अमेरिकी अधिकारी अब भी इस्लामाबाद में बातचीत कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यदि अगले हफ्ते नाटो शिखर सम्मेलन से पहले समझौता हो जाता है तो यह अच्छा संकेत होगा. नूलैंड ने कहा कि नाटो ने फैसला किया है कि इस बातचीत का जो भी नतीजा निकले पाकिस्तान को सम्मेलन में भाग लेना चाहिए. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जॉर्ज लिट्ल ने कहा है कि अमेरिका को उम्मीद है कि जल्द ही सप्लाई लाइन खुल जाएगी.
एमजे/आईबी (एपी,एएफपी)