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नाराजगी खत्म, भारत चीन बातचीत जल्द

२५ मई २०११

रक्षा मामलों को लेकर साल भर से एक दूसरे से मुंह फेरे बैठे भारत और चीन ने अपनी बातचीत को फिर से शुरू करने का फैसला किया है. पिछले साल चीन ने एक भारतीय अफसर को वीजा देने से इंकार कर दिया, जिसके बाद बातचीत बंद हो गई थी.

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epa02496187 Chinese Premier Wen Jiabao addresses the Indo-China co-operation summit which was organized by Federation of Indian Chambers of Commerce and Industry (FICCI) and Associated Chambers of Commerce and Industry of India (ASSOCHAM) in New Delhi 15 December 2010.. Wen is on a three-day visit to India as part of efforts to build trust between the two neighbors amid lingering disputes over territory, trade and telecoms. EPA/HARISH TYAGI +++(c) dpa - Bildfunk+++
भारत यात्रा पर आए वेन जियाबाओतस्वीर: picture alliance / dpa

भारतीय रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने बुधवार को बताया कि दोनों देशों के बीच बातचीत जल्दी दोबारा शुरू होगी. उन्होंने कहा, "हम (भारत और चीन) जल्दी ही बातचीत शुरू करेंगे. सचिव स्तर पर वार्ता का चौथा दौर बहुत जल्द होगा."

Beziehungen China Indien
चीन की यात्रा पर गए भारतीय पीएमतस्वीर: AP

जल सेना के कमांडरों से मिलने पहुंचे रक्षा मंत्री ने कहा कि बीच में कुछ रुकावटें थीं लेकिन अब सारे मुद्दे सुलझा लिए गए हैं और सरकारों के बीच बातचीत शुरू हो सकती है.

कब होगी वार्ता

एंटनी ने बताया कि चीन के रक्षा सचिव भारत आना चाहते हैं और जून महीने के पहले हफ्ते में ही रक्षा वार्ता हो सकती है. चीनी रक्षा सचिव मा जियाओतियान अगले महीने श्रीलंका के दौरे पर हैं और उन्होंने उसके बाद भारत जाने की इच्छा जाहिर की है.

और उसी दौरान भारतीय रक्षा मंत्रालय के अफसर काफी व्यस्त हैं. एंटनी ने बताया, "हमने कहा है कि उस दौरान हम व्यस्त हैं. 30-31 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच रक्षा सचिव स्तर की वार्ता होनी है. 31 मई को जर्मन चांसलर के साथ वहां के रक्षा मंत्री भी भारत आएंगे. एक जून को अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री भारत दौरे पर आ रहे हैं."

खुले दरवाजे

भारतीय रक्षा मंत्रालय ने चीनी अफसर को मना नहीं किया है. एंटनी के मुताबिक चीनी रक्षा सचिव भारत आना चाहते हैं तो उनका स्वागत है और बातचीत भी जल्द करेंगे.

भारत ने पिछले साल जुलाई में चीन से रक्षा संबंध तोड़ लिए थे क्योंकि चीनी सरकार ने भारत के लेफ्टिनेंट जनरल बीएस जसवाल को इसलिए वीजा देने से इनकार कर दिया था क्योंकि वह उत्तरी कमांड के कमांडर थे और जम्मू कश्मीर से आते थे. लेकिन इस बीच और भारत और चीन की सरकारों के बीच उच्च स्तर पर संवाद हुआ और चीन के रुख में नरमी आने के संकेत मिले हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः उभ

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