नॉर्वे के हमलों में अब तक 91 की मौत
२३ जुलाई २०११पुलिस ने सत्ताधारी पार्टी के युवा सम्मेलन पर शनिवार को गोलीबारी करने वाले 32 वर्षीय संदिग्ध को गिरफ्तार किया है जिसने इंटरनेट पर मुस्लिम विरोधी बातें लिखीं. पुलिस कमिश्नर स्वेनुंग स्पोनहाइम ने बताया, "यह कहना अभी जल्दबादी होगा कि क्या मुस्लिम विरोध ही इस गोलीबारी की वजह है."
नॉर्वे के मीडिया में पकड़े गए व्यक्ति का नाम अंदर्स बेहरिंग बताया जा रहा है, लेकिन पुलिस ने इसकी पुष्टि करने से इनकार किया है. पुलिस को आशंका है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि वे अब भी गोलीबारी की जगह की पड़ताल कर रहे हैं. यह घटना ओस्लो के बाहर एक द्वीप पर हुई. वहीं प्रधानमंत्री जेंस स्टोलेनबर्ग की लेबर पार्टी का यूथ कैंप चल रहा था.
निशाने पर ओस्लो
इस बीच राजधानी ओस्लो में निशाना बनाई जा सकने वाली जगहों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, लेकिन लोगों से अपने घरों में रहने की एडवाइजरी वापस ले ली गई है. द्वीप पर हुई गोलीबारी के बारे में पुलिस ने 84 लोगों के मारे जाने की पुष्टि कर दी है. पुलिस प्रवक्ता अरे फ्रीकहोल्म ने बताया, "हम मृतकों की संख्या बढ़ने से इनकार नहीं कर रहे हैं."
इससे पहले पुलिस ने पुष्टि की कि ओस्लो के सिटी सेंटर में शनिवार को हुए जबरदस्त बम धमाके में सात लोग मारे गए. इसी इलाके में प्रधानमंत्री का कार्यालय और कई सरकारी इमारतें हैं. इस बम धमाके में नौ लोग गंभीर रूप से जख्मी भी हुए हैं.
टीवी2 के मुताबिक जिस व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है वह दक्षिणपंथी चरमपंथियों से जुड़ा है और उसके नाम पर दो हथियार रजिस्टर्ड हैं. नॉर्वे के मीडिया में कहा गया है उसने फेसबुक पर खुद को कंजरवेटिव, ईसाई और शिकार और वर्ल्ड ऑफ वारक्राफ्ट और मॉर्डन वारफेयर 2 जैसे कंप्टूयर गेम्स में दिलचस्पी रखने वाला बताया है.
'उकसावे में नहीं आएगा नॉर्वे'
प्रधानमंत्री स्टोलेनबर्ग ने बताया कि नॉर्वे यूरोप के सबसे शांतिपूर्ण देशों में से एक है और वह किसी उकसावे में नहीं आएगा. उन्होंने कहा, "लोग उस दुस्वप्न से गुजर चुके हैं जिसकी बहुत कम लोगों ने कल्पना की होगी. आने वाले दिनों में पता चल जाएगा कि कौन इसके जिम्मेदार है और उन्हें किस तरह की सजा दी जाएगी. हम पर हमला करने वाले को नॉर्वे के सभी लोगों की तरफ से संदेश है कि तुम हमें बर्बाद नहीं कर सकते, तुम हमारे लोकतंत्र और बेहतर दुनिया के हमाले आदर्शों को नष्ट नहीं कर सकते.
पश्चिम देशों ने नॉर्वे पर हुए हमले की निंदा की है और उसके साथ एकजुटता से खड़े रहने का संकल्प जताया है. नाटो के सदस्य नॉर्वे की सेना अफगानिस्तान में तैनात है और वह लीबिया पर हुए हमले में भी पश्चिम गठबंधन का साझीदार रहा है.
कड़ी निंदा
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून और यूरोपीय संघ ने हमले की निंदा की है जबकि नाटो के प्रमुख ने इसे जघन्य अपराध बताया है. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि यह हमला याद दिलाता है कि पूरी अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को इस तरह की आतंकवादी घटनाओं को होने से रोकना है.
नॉर्वे की राजधानी ओस्लो विश्व शांति का जाना माना प्रतीक है. यहीं से हर साल प्रतिष्ठित नोबेल शांति पुरस्कार दिया जाता है. यहीं 1993 में इस्राएल और फलीस्तीन का समझौता हुआ.
नॉर्वे के हमले को 2004 में मैड्रिड धमाकों के बाद सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है. सात साल पहले स्पेन की राजधानी में ट्रेनों में हुए धमाकों में 191 लोग मारे गए और 2,000 घायल हो गए.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एन रंजन