नोएडा के बाद आगरा में भी गुस्साए किसान
८ मई २०११रविवार को आगरा के चौगान गांव में चार पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. किसानों की मांग है कि यमुना एक्सप्रेसवे के लिए जमीन अधिग्रहण का उन्हें ज्यादा मुआवजा मिले. स्पेशल डाइरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस ब्रिज लाल ने लखनऊ में बताया, "किसानों के उग्र होने और आगजनी पर उतर आने के कारण चार पुलिसकर्मी घायल हुए." उन्होंने यह भी बताया कि गांव के लोगों ने कई गाड़ियों और निर्माण स्थल पर लगे टेंटों में आग लगा दी."
उत्तर प्रदेश पुलिस ने किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मनवीर सिंह तेवातिया का पता बताने वाले के लिए 50 हजार का इनाम रखा है. वह 17 जनवरी से भट्टा परसौल में किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं और फिलहाल फरार हैं. पुलिस अधिकारी लाल ने बताया, "तेवातिया के साथ 50 और लोग मासूम किसानों को उकसा रहे हैं. 99 फीसदी किसान राज्य के नए पुनर्वसन कार्यक्रम से संतुष्ट हैं."
गांव के आस पास का इलाका पीएसी ने घेर लिया है. 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने दावा किया है कि अधिकतर प्रदर्शनकारी छिप गए हैं. उधर गांव के लोगों ने आरोप लगाया है कि पीएसी ने गांव वालों के साथ बुरा बर्ताव किया और घरों में लूट पाट की. पीएसी ने इन खबरों का खंडन किया है.
शनिवार को विरोध प्रदर्शनों के दौरान दिल्ली के पास भट्टा परसौल में घायल एक किसान कि मौत हो गई. इसी के साथ मरने वालों की कुल संख्या चार हो गई है. अधिकारियों ने इस इलाके में सुरक्षा व्यवस्था बहुत कड़ी कर दी है और जिले में धारा 144 लगा दी है.
शनिवार की घटना में दो पुलिसकर्मियों और एक अन्य किसान के मारे जाने के समाचार हैं.
दिल्ली के आसपास और आगरा में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. जिला न्यायाधीश दीपक अग्रवाल को उग्र प्रदर्शनों के दौरान पैर में गोली लगी. एसएसपी एसएन सिंह भी घायल हुए.
रिपोर्टः पीटीआई आभा एम
संपादनः एमजी