न्यूजीलैंड में तेल रिसाव से आपदा
११ अक्टूबर २०११मंगलवार को कीवी अधिकारियों ने कहा कि जहाज से अब तक 130-150 टन तेल रिस चुका है. यह पहले लगाए गए अनुमानों से 10 गुना ज्यादा है. समुद्र में एक तरफ झुक चुके 236 मीटर लंबे जहाज पर अभी काफी तेल बचा है. पंप के जरिए तेल को निकालने की कोशिश की जा रही है. लेकिन खराब मौसम की वजह से इस काम में बाधा आ रही है.
न्यूजीलैंड के पर्यावरण मंत्री निक स्मिथ ने कहा, "मैं मानता हूं कि यह घटना न्यूजीलैंड के इतिहास की सबसे बड़ी समुद्र आपदा है जिसका असर पर्यावरण पर पड़ रहा है. जहाज रीफ पर चला गया. उसके मुख्य टैंक में दरार आ चुकी है."
जहाज बीते बुधवार को एस्ट्रोलैब रीफ में फंसा. मरीन न्यूजीलैंड का कहना है कि जहाज एक जगह पर फंसा है लेकिन समुद्र की तेज लहरें उसे हिला रही हैं. आशंका है कि खराब मौसम और तेज लहरों की वजह से जहाज टूट सकता है. ऐसा होने पर जहाज पर लदा 1,700 टन भारी तेल लीक हो जाएगा.
तेल रिसाव का असर
तेल समुद्र में फैलने के बाद माउंट माउनगैनुई के तटों पर चिपक चुका है. तेल के दक्षिणी तट माकेटु पर पहुंचेन की आशंका है. टाउरैंगा बदंरगाह पर भी तेल फैलने की आशंका जताई गई है. समुद्र में उठ रही चार चार मीटर ऊंची लहरों की वजह से तेल काफी तेजी से और ज्यादा दूरी तक फैल रहा है. तेल रिसाव वाले इलाकों को बंद कर दिया गया है. स्थानीय लोगों को तटों पर न जाने की सलाह दी गई है.
पर्यावरणविदों का कहना है कि तेल के रिसाव ने वन्य जीवन के सामने बड़ी चुनौती रख दी है. डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के प्रवक्ता बॉब जूर ने कहा, "वहां हजारों समुद्री पक्षी है. वह इलाका नीले पैग्विनों का है. पक्षी और कई जीव वहां के रेतीले तटों पर अपना घोंसला बनाते हैं. यह तेल रिसाव इलाके के पर्यावरण के लिए एक बड़ी त्रासदी है."
बचाव अभियान
अधिकारियों का कहना है कि मौसम ठीक होते ही सबसे पहले पंप के जरिए जहाज से तेल निकाला जाएगा. फिर जहाज पर लदे कंटेनर उतारे जाएंगे. अंत में क्रैनों के जरिए रेना को तट पर लाया जाएगा और फिर उसकी मरम्मत होगी. तटों और समुद्र की सफाई के लिए 200 लोग तैनात किए गए हैं. 300 सैनिकों की मदद भी ली जा सकती है.
जहाज के चालक दल के सभी सदस्यों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. जहाज ग्रीस की कंपनी कोस्टामेयर का है. कंपनी ने दुर्घटना के कारणों के बारे में कोई सफाई नहीं दी है. यह जरूर कहा है कि नुकसान को कम करने के लिए वह स्थानीय अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग कर रही है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: ए कुमार