पकड़ा गया मोस्ट वॉन्टेड रात्को म्लादिच
२६ मई २०११सर्बियाई राष्ट्रपति ने गुरुवार को एलान किया कि रात्को म्लादिच को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने कहा, "हमने म्लादिच को पकड़ लिया है. इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सर्बिया की विश्वसनीयता बढ़ती है. रात्को म्लादिच की तलाश अब खत्म हो गई है. यह अध्याय अब बंद हुआ."
क्यों अहम है गिरफ्तारी
म्लादिच पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में नरसंहार, मानवता के खिलाफ अपराध और युद्ध अपराधों के आरोपों में मुकदमा चल रहा है. 69 साल के म्लादिच के खिलाफ लगाए गए आरोपों में कहा गया है कि उसने तथाकथित जातीय सफाई अभियान के तहत बॉस्नियाई मुसलमानों के कैंप और हिरासत केंद्र बनाए. जुलाई 1995 में स्रेबरेनित्सा नरसंहार की जिम्मेदारी भी म्लादिच पर डाली गई है. स्रेबरेनित्सा में आठ हजार मुस्लिम पुरुषों को कत्ल कर दिया गया था. दूसरे विश्व युद्ध के बाद से यूरोप में यह नरसंहार का सबसे भयानक मामला था. यूएन के आरोपों में कहा गया है कि म्लादिच ही इस नरसंहार का मास्टरमाइंड था. हालांकि अदालत ने बॉस्निया की जंग में सिर्फ इसी घटना को नरसंहार माना है.
अब तक कैसे बचा म्लादिच
म्लादिच 15 साल तक गिरफ्तारी से बचता रहा है. इसकी वजह कुछ सर्बियाई राष्ट्रवादियों में उसका हीरो का दर्जा भी है जिसने देश की राजनीति को प्रभावित किया है. 2000 तक तो वह राजधानी बेलग्रेड में खुलेआम रहता रहा. लेकिन साल 2000 में पूर्व यूगोस्लावियाई राष्ट्रपति स्लोबोदान मीलोसेविच के पद से हटने के बाद उसका खुलेआम रहना मुश्किल हो गया. मीलोसेविच को म्लादिच को बचाने वाला माना जाता है. वैसे सर्बियाई अधिकारियों ने माना है कि उसके बाद भी वह सेना की सुरक्षा में बचा रहा.
सर्बिया के लिए जरूरी थी गिरफ्तारी
म्लादिच की गिरफ्तारी सर्बिया के लिए राजनीतिक रूप से बहुत अहम है. उसे कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों में शामिल होने के लिए इस शर्त को पूरा करना था. हालांकि म्लादिच की गिरफ्तारी का वक्त दिलचस्प है. पिछले हफ्ते ही यूरोपीय आयोग ने कहा था कि यूरोपीय संघ का सदस्य बनने के लिए सर्बिया को म्लादिच को गिरफ्तार करना होगा. गुरुवार को ही यूएन के ट्राइब्यूनल की एक रिपोर्ट में कहा गया कि म्लादिच को पकड़ने के लिए सर्बिया पूरी कोशिश नहीं कर रहा है.
लेकिन अब सर्बिया के लिए सारे रास्ते खुल गए हैं. म्लादिच की गिरफ्तारी की खबर पर प्रतिक्रिया में यूरोपीय संघ ने कहा कि म्लादिच की गिरफ्तारी का मतलब है कि सर्बिया यूरोपीय संघ के रास्ते पर आगे बढ़ना चाहता है.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः एमजी