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परवेज मुशर्रफ गिरफ्तार

१९ अप्रैल २०१३

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सैनिक शासक परवेज मुशर्रफ को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्हें दो दिन के रिमांड में भेजा गया है. इस बीच अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ आरोप तैयार कर रहा है.

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तस्वीर: imago stock&people

सेना प्रमुख रह चुके किसी शख्स को पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार गिरफ्तार किया गया है. मुशर्रफ की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें जेल में नहीं रखा गया है. मुशर्रफ की पार्टी ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग के प्रवक्ता मुहम्मद अमजद ने बताया, "जनरल मुशर्रफ को दो दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है और वह अपने फार्महाउस में रहेंगे." मुशर्रफ के वकील कमर अफजल ने बताया कि पूर्व सेना प्रमुख ने शुक्रवार सुबह अदालत में समर्पण किया. जूडिशियल मजिस्ट्रेट मुहम्मद अब्बास शाह ने शनिवार तक के लिए उन्हें ट्रांजिट रिमांड में भेज दिया है. शनिवार को उन्हें रावलपिंडी की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा. यहां उन्हें आतंकवाद के आरोपों का सामना करना है. मुशर्रफ मजिस्ट्रेट के सामने पेश होने के बाद इस्लामाबाद के उपनगर में मौजूद अपने घर लौट गए.

Pakistan Ex-Präsident Pervez Musharraf Hausarrest
तस्वीर: AAMIR QURESHI/AFP/Getty Images

मुशर्रफ पर देश में आपातकाल लगाने और कई वरिष्ठ जजों को हिरासत में लेने का आरोप लगाया गया है. अदालत ने मुशर्रफ के इन कदमों को आतंकवाद करार दिया है. पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट पहले ही एक याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें आपातकाल लगाने के लिए उन पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग की गई है. इस मामले में दोष साबित होने पर उम्र कैद या मौत की सजा हो सकती है. मुशर्रफ पर पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या का भी आरोप है.

चार साल तक स्वनिर्वासन में रहने के बाद वतन लौटे मुशर्रफ को सभी मामलों में कोर्ट से जमानत मिलती रही है. मुशर्रफ पाकिस्तान में 11 मई को होने वाले चुनाव के लिए वापस आए लेकिन उनके चुनाव लड़ने पर रोक लग गई है. सभी चार सीटों से उनकी उम्मीदवारी का पर्चा रद्द होने के बाद पाकिस्तान की राजनीति में उनकी वापसी के आसार खत्म हो गए हैं. उनकी ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग पार्टी के अब एक भी सीट जीतने की उम्मीद नहीं है हालांकि पार्टी ने अपनी तरफ से स्थिति सामान्य रहने की बात कही है.

Pakistan Ex-Präsident Musharraf Gerichtsprozess Gericht Flucht 18.04.2013
तस्वीर: AFP/Getty Images

पाकिस्तान में पहली बार किसी लोकतांत्रिक सरकार के दूसरी लोकतांत्रिक सरकार को सत्ता सौंपने का मौका है. राजनीतिक विश्लेषक हसन असकरी ने चेतावनी दी है कि गिरफ्तारी या मुकदमे का चुनावों पर असर हो सकता है, "अगर अदालत उन पर सुनवाई करेगी तो वह खुद को बचाने के लिए दूसरों को फंसाएंगे. मामला गलत दिशा में बढ़ जाएगा और चुनाव पर असर होगा. अदालत थोड़ी ज्यादा सक्रिय हो गई है. उन्हें जमानत दे कर थोड़ा धैर्य दिखाना चाहिए और चुनाव के बाद इन मामलों को उठाना चाहिए."

मुशर्रफ के समर्थकों का कहना है कि गिरफ्तारी का वारंट केवल जजों की बर्खास्तगी का बदला लेने के लिए निकाला गया है. इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने शुक्रवार को राजधानी के पुलिस प्रमुख को अलग से बुला कर पूछा था कि मुशर्रफ को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया. इससे पहले गुरुवार को जज शौकत अजीज सिद्दीकी ने कहा कि मुशर्रफ ने, "समाज में भय, न्यायिक अधिकारियं में असुरक्षा, वकीलों में चिंता और पूरे पाकिस्तान में आतंक फैलाया."

Pakistan Ex-Präsident Pervez Musharraf Archiv 2010
तस्वीर: Reuters

मुशर्रफ ने तख्तापलट कर पाकिस्तान की सत्ता अपने हाथ में ले ली थी हालांकि 2008 में उन्हें गद्दी छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा. उस वक्त मुशर्रफ ने प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ को देश के बाहर भेज दिया था लेकिन अब वही नवाज शरीफ प्रधानमंत्री की दौड़ में सबसे आगे बताए जा रहे हैं.

एनआर/एमजे(डीपीए,एएफपी)

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