पहली भारत यात्रा पर पैनेटा
५ जून २०१२अमेरिका के रक्षा मंत्री लियोन पैनेटा अपनी दो दिवसीय यात्रा पर दोनों देशों के रक्षा संबंधों को अगले स्तर पर ले जाने पर बात करना चाहते हैं. पैनेटा ने पिछले दिनों में अक्सर इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका एशिया में अपनी मौजूदगी बढ़ाना चाहता है और 2020 तक एशिया प्रशांत इलाके में अपने युद्धपोतों का एक बड़ा हिस्सा तैनात करना चाहता है. इससे चीन की भौहें तन रही हैं. चीन को लग रहा है कि अमेरिका उसकी घेराबंदी करने में जुट गया है. चीन का तर्क है कि अमेरिका को इलाके में अन्य बड़ी शक्तियों के हितों की इज्जत करनी चाहिए.
दिलचस्प एजेंडा
पैनेटा ने रविवार को सिंगापुर में शांग्री-ला सम्मेलन के दौरान यह भी कहा कि भारत और अमेरिका के कई मामलों में साझा लक्ष्य हैं. पैनेटा ने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका पूरे इलाके में स्थिरता लाने के लिए भारत की भूमिका को अहम समझता है. हाल के बरसों में भारत भी अमेरिका से रक्षा तकनीक और हथियार खरीदने में भी दिलचस्पी दिखा रहा है.
अमेरिकी चाहता है कि भारत के साथ उसके रिश्ते व्यापक, रणनीतिक और टिकाऊ रहें. अपनी दो दिवसीय यात्रा पर 73 साल के पैनेटा भारतीय रक्षा मंत्री एके एंटनी के साथ बातचीत करेंगे. यह भी कहा जा रहा है कि पैनेटा नई दिल्ली में भाषण देने वाले हैं जिसमें वह भारत और अमेरिका के संबंधों व एशिया में अमेरिका के हितों को एक बार फिर स्पष्ट करने वाले हैं. अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के पूर्व प्रमुख पैनेटा का जुलाई 2011 में रक्षा मंत्री का पद संभालने के बाद यह पहला भारत दौरा है. पैनेटा के मुताबिक उन्हें कई दिनों से भारत यात्रा की इच्छा थी.
भारत की बढ़ती अहमियत
भारत और अमेरिका के संबंध बीते एक दशक में परवान चढ़े हैं. रक्षा, आर्थिक और शिक्षा के मामलों में साझेदारी बढ़ाने के लिए दोनों देशों के बीच संवाद बढ़ता जा रहा है. 13 जून को भारत-अमेरिकी रणनीतिक संवाद के तहत अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन भारतीय विदेश मंत्री एसएम कृष्णा और मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिबल का वॉशिंगटन में स्वागत करेंगी. 14-15 जून को क्लिंटन भारतीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद के साथ भारत में बच्चों की स्थिति सुधारने पर एक सम्मेलन संबोधित करेंगी. विज्ञान मंत्री विलासराव देशमुख का भी जून में अमेरिका जाना तय है. जून के अंत में अमेरिका के वित्तीय मंत्री टिमोथी गाइटनर भारत आएंगे. वैसे भारत के प्रधानमंत्री मंनमोहन सिंह पहले ऐसे राष्ट्र प्रमुख थे जिन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पद संभालने के बाद सबसे पहले वॉशिंगटन आमंत्रित किया. यह बात अपने आप में काफी कुछ बयां कर देती है.
पीई/ओएसजे (पीटीआई)