'हमलावरों को मिलेगा तूफानी जवाब'
३ जून २०१२अगर इस्राएल "किसी भी तरह का गलत कदम उठाता है तो वह उसी के सर पर तूफान बन कर गिरेगा". टेलीविजन पर अपने भाषण में ईरान के सर्वोच्च नेता आयातोल्लाह खामेनेई ने पश्चिमी देशों और इस्राएल को आड़े हाथों लिया और कहा कि ईरान पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रतिबंध से उनके देश को कोई फर्क नहीं पड़ेगा. खामेनेई 1989 में आयातोल्लाह खोमेनी की मौत की बरसी पर लोगों को संबोधित कर रहे थे.
खामेनेई के भाषण में कुछ ऐसी बातें हैं जिनसे लगता है कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम से पीछे नहीं हटना चाहता. हालांकि उन्होंने कहा कि ईरान परमाणु बम नहीं बना रहा है. "अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक बैठकों और मीडिया में ईरान के परमाणु ताकत बनने के खतरों के बारे में बात होती है. यह एक झूठ है. यह लोग धोखा दे रहे हैं." खामेनेई ने कहा कि दुनिया को ईरान के परमाणु ताकत बनने से डरना नहीं चाहिए, बल्कि इस बात से डरना चाहिए कि ईरान मुस्लिम देश है.
खामेनेई के मुताबिक अमेरिका और यूरोप अपने देशों में आर्थिक हालात से लोगों का ध्यान हटाना चाहते हैं और जहां तक प्रतिबंध लगाने का सवाल है, उससे ईरान में लोगों की भावना अमेरिका और यूरोप के और खिलाफ हो रही है. खामेनेई ने अमेरिका और पश्चिमी देशों के उसके साझेदारों को "पागल" बताया.
पश्चिमी देशों का मानना है कि ईरान परमाणु हथियार बना रहा है जबकि तेहरान कहता है कि उसे केवल परमाणु ऊर्जा की जरूरत है. 18 और 19 जून को पी5+1 देश, यानी अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, चीन और जर्मनी(+1) इस मुद्दे पर मॉस्को में ईरानी नेताओं के साथ मुलाकात करेंगे. पी5+1 देशों का मानना है कि खामेनेई के भाषण से मॉस्को बैठक में ईरानी अधिकारियों के रवैये का संकेत दे रहा है.
अमेरिका और इस्राएल ने पहले ही साफ साफ कह चुके हैं कि अगर कूटनीतिक तरीके से ईरान मुद्दा नहीं सुलझता है तो वे हमला कर देंगे. अपनी देश की नीतियों और खासकर परमाणु नीति को लेकर अंतिम फैसले बनाने वाले खामेनेई ने परमाणु हथियारों को "एक बड़े पाप" का नाम दिया है. हालांकि अपने भाषण में उन्होंने कहा कि राजनीति, विज्ञान और तकनीक की प्रगति की राह को रोकना "वर्जित" है. यह साफ नहीं है कि क्या विज्ञान और तकनीक के जरिए खामेनई परमाणु हथियार बनाने को वाजिब ठहरा रहे हैं.
एमजी/ओएसजे (रॉयटर्स, एएफपी)