'पाकिस्तानी समाज का इस्लामीकरण चाहते हैं'
१ जून २०११गैलप पाकिस्तान के सर्वे में जब पूछा गया कि क्या सरकार को समाज के इस्लामीकरण के लिए कदम उठाने चाहिए तो 67 प्रतिशत लोगों ने इसका हां में जवाब दिया. सिर्फ 13 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे इस्लामीकरण की जरूरत महसूस नहीं करते. 20 प्रतिशत लोगों ने इस बारे में कोई उत्तर नहीं दिया.
48 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इस्लामीकरण की प्रक्रिया एक एक कर पूरी करनी चाहिए, वहीं 31 प्रतिशत लोग मानते हैं कि इस बारे में तुरंत कदम उठाने चाहिए. 21 प्रतिशत लोगों ने इस्लामीकरण की प्रक्रिया पर पूछे गए सवालों का उत्तर नहीं दिया. यह सर्वे गैलप इंटरनेशनल की पाकिस्तान शाखा ने कराया है जिसमें 2,738 महिलाओं और पुरूषों ने हिस्सा लिया.
यह सर्वे इस साल जनवरी में पाकिस्तान के चारों प्रांतों में गांवों और शहरों में किया गया. मानवाधिकार समूह पाकिस्तान में समाज पर धार्मिक कट्टरपंथ और चरमपंथियों के बढ़ते प्रभाव से चिंतित हैं. इसी साल ईशनिंदा कानून का विरोध करने के लिए पंजाब प्रांत के गवर्नर सलमान तासीर की उन्हीं के सुरक्षा गार्ड ने हत्या कर दी. तासीर के हत्यारे को कई कट्टरपंथी गुटों ने नायक के तौर पर पेश किया और सैंकड़ों वकील उसकी तरफ से केस लड़ने के लालायित दिखे.
ईशनिंदा कानून के विरोध के चलते ही पाकिस्तान में अल्पसंख्यक मामलों के संघीय मंत्री शहबाज भट्टी की हत्या की गई. पूर्व मंत्री शिरीं रहमान ने धमकियों के कारण सार्वजनिक सभाओं में जाना छोड़ दिया है. वह भी ईशनिंदा कानून में बदलाव के हक में हैं.
इससे पहले गैलप पाकिस्तान के एक और सर्वे में आधे लोग अल कायदा नेता ओसामा बिन लादेन की मौत पर दुखी पाए गए. 2 मई को पाकिस्तानी शहर एबटाबाद में अमेरिकी अभियान में बिन लादेन को मारा गया.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः महेश झा