पाकिस्तान में मोबाइल क्रांति लाते उमर सैफ
७ सितम्बर २०११ब्रिटेन की प्रतिष्ठित कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी कर चुके उमर सैफ इन दिनों पाकिस्तान के आम लोगों के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने आम लोगों को इंटरनेट का जैसा विकल्प आसानी से मुहैया करा दिया है. कोशिश है कि हर आम आदमी अपनी बात हजारों लोगों तक पहुंचा सके.
सैफ के दिमाग में साधारण मोबाइल फोन्स में इंटरनेट की तरह सोशल मैसेजिंग का विचार 2005 में आया. छह साल पहले जब वह कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी करके लौटे. इसी दौरान कश्मीर में जबरदस्त भूंकप आया और पाकिस्तान के हिस्से वाले कश्मीर में ही 80,000 लोग मारे गए. भारी नुकसान हुआ.
दुख से निकाला रास्ता
राहत और बचाव के दौरान सैफ को महसूस हुआ कि सूचनाओं का संचार ठीक ढंग से नहीं हो पा रहा है. कई लोग अधिकारियों और अन्य लोगों तक अपनी बात नहीं पहुंचा पा रहे हैं. इस मुश्किल को हल करने के लिए सैफ ने एक कंप्यूटर प्रोग्राम बनाया. इस कंप्यूटर प्रोग्राम के लिए एक ही एसएमएस को एक ही मैसेज के खर्चे पर तुरंत हजारों लोगों तक पहुंचाया जा सकता है. एसएमएस करने वाले को एक खास नंबर पर संदेश भेजना होता है. एक खास प्रोगाम में पंजीकरण करवाने के बाद उपभोक्ता एक साथ हजारों लोगों तक अपनी बात पहुंचा सकता है. यह एक तरह से मोबाइल फोन पर सोशल नेटवर्किंग है.
सैफ के इस प्रोग्राम का इस्तेमाल अब व्यावसायिक स्तर पर भी हो रहा है. पाकिस्तान में मोबाइल नेटवर्क मुहैया कराने वाली कंपनियां एसएमएस-ऑल नाम से यह सर्विस दे रही हैं. 25 लाख लोग इसका इस्तेमाल कर चार अरब मैसेज भेज चुके हैं. पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के खिलाफ 2008 में वकीलों की बड़ी बड़ी रैलियां आयोजित करवाने के लिए भी एसएमएस-ऑल की मदद ली गई. पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेट कप्तान इमरान खान की पार्टी तहरीक ए पाकिस्तान भी इस सेवा के माध्यम से देश में राजनीतिक बदलाव लाने की उम्मीद करती है.
मोबाइल को ताकतवर बनाते सैफ
लाहौर यूनिवर्सिटी ऑफ मैनेजमेंट सांइस में एसोसिएट प्रोफेसर उमर सैफ कहते हैं, "जो आप फेसबुक और ट्विटर पर कर सकते हैं वैसी ही नेटवर्किंग आप फोन पर भी कर सकते हैं." सैफ की कंपनी भी अब मजबूती से खड़ी है. इराक और नाइजीरिया में यही सेवा दी जा रही है.
सैफ की प्रतिभा का सम्मान करते हुए प्रतिष्ठित मैसाच्यूसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ने उन्हें दुनिया के सर्वोच्च युवा तकनीकी आविष्कारकों की सूची में रखा है. अमेरिकी कंपनियां सैफ की मदद से मोबाइल फोन्स के लिए कुछ और नए किस्म के प्रोग्राम बना रही हैं. मोबाइल फोन पर इंटरनेट के चैट रूम जैसी सुविधा देने की तैयारी की जा रही है. इसकी मदद से लोग आपसी बातचीत करने के अलावा किसी संस्थान के बारे में अपनी राय मोबाइल के जरिए दे सकेंगे.
सैफ को पश्चिमी देशों की कंपनियों से कई आकर्षक प्रस्ताव मिल रहे हैं. लेकिन वह पाकिस्तान नहीं छोड़ना चाहते. वे लाहौर में युवाओं को कंप्यूटर की शिक्षा दे रहे हैं. कहते हैं नई पीढी़ देश में कारोबार का माहौल बना सकती है. राजनीतिक बदलाव हो सकते हैं और पाकिस्तान दुनिया के साथ सम्मान के साथ कदम मिलाकर चल सकता है.
रिपोर्ट: एपी/ओ सिंह
संपादन: महेश झा