पाकिस्तान लौटे आईएसआई प्रमुख पाशा
१५ जुलाई २०११अमेरिका और पाकिस्तान दोनों ही देशों के अधिकारियों ने इस मुद्दे पर खुल कर कोई जानकारी देने से इनकार कर दिया. लेकिन सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक दोनों ने हाल के दिनों में उपजे मतभेदों को दूर करने की कोशिश की.
दोनों पक्षों का दावा है कि बैठक बहुत अच्छी रही और दोनों ही देश आपसी भरोसा बढ़ाने के उपायों पर काम करने के लिए राजी हो गए हैं. पाकिस्तान में पहले हत्या के मामले में रेमंड डेविस नाम के सीआईए एजेंट के पकड़े जाने और बाद में इस्लामाबाद के पास ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद से पाकिस्तान और अमेरिका के खुफिया रिश्तों में भारी तनाव पैदा हुआ है.
वैसे मुंबई के 26/11 वाले आतंकवादी हमले में पाशा को अमेरिका की एक अदालत ने समन भी भेजा है. हमले में मारे गए अमेरिकी नागरिक के रिश्तेदारों का आरोप है कि साजिश में आईएसआई का भी हाथ रहा और इस तरह आईएसआई प्रमुख भी कहीं न कहीं इससे जुड़े थे. इस मामले के बाद पाशा अमेरिका जाने से कतरा रहे थे. लेकिन इस दौरे में पूरे मामले का कोई प्रभाव नहीं देखा गया. अदालत ने पाशा के खिलाफ कोई कार्रवाई करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई.
पाशा ने सीआईए के वर्जीनिया स्थित मुख्यालय में अंतरिम प्रमुख माइकल मॉरेल और कई दूसरे अधिकारियों से मुलाकात की. सीआईए प्रमुख लियोन पैनेटा अब अमेरिका के रक्षा मंत्री हैं और इसलिए मॉरेल को नए प्रमुख की जिम्मेदारी दी गई है. अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद अमेरिका का दौरा करने वाले वह पहले शीर्ष स्तरीय पाकिस्तानी अधिकारी हैं. समझा जाता है कि उन्होंने अमेरिका से इस बात पर आपत्ति जताई है कि सीआईए ने आईएसआई को भरोसे में लिए बगैर पाकिस्तान में अपनी कार्रवाई तेज कर दी है. दूसरी तरफ सीआईए का आरोप है कि पाकिस्तान ने कई ऐसी जानकारियां लीक कर दी हैं, जो दोनों देशों के खुफिया विभाग ने टॉप सीक्रेट के तौर पर आपस में बांटी थीं.
अमेरिका ने पाकिस्तान को बताए बगैर बिन लादेन पर सैनिक कार्रवाई की, जिसका पाकिस्तान में जबरदस्त विरोध हुआ. समझा जाता है कि आईएसआई ने आगे की कार्रवाइयों में पाकिस्तान को साझा करने की मांग की है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः महेश झा