पाकिस्तान सेना ने अमेरिका से बातचीत रद्द की
१ सितम्बर २०१०2001 में ट्विन टावर पर हमलों के बाद से अमेरिकी हवाई अड्डों पर सुरक्षा जांच बहुत कड़ी कर दी गई है. कई यात्रियों ने शिकायत की है कि उनके मध्य पूर्व से या मुस्लिम प्रतीत होने के कारण उनकी बेवजह अतिरिक्त सुरक्षा जांच की जाती है.
पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों का एक समूह अमेरिका की यात्रा पर था. वे वहां अमेरिकी सेना की सेंट्रल कमांड के न्योते पर जा रहे थे. पाकिस्तानी सेना ने बयान में कहा, "इन सैन्य अधिकारियों की वॉशिंगटन हवाई अड्डे पर अमेरिकी ट्रांसपोर्ट सिक्योरिटी एजेंसी ने वेवजह जांच की."
हालांकि बाद में इन्हें छोड़ दिया गया और अमेरिकी रक्षा अधिकारियों ने इस घटना पर दुख जताया. इस जांच के कारण पाकिस्तानी सेना ने अपने अधिकारियों की यात्रा रद्द कर दी और उन्हें वापस बुला लिया.
अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों को फिर से बुलाने की बात की जा रही है. पाकिस्तान के डॉन अखबार ने लिखा है कि अमेरिकी रक्षा अधिकारियों ने एक ब्रिगेडियर को रोक लिया. ये वरिष्ठ अधिकारी आठ सदस्यों वाले समूह के साथ अमेरिका की यात्रा पर थे. ये सब एक यात्री की शिकायत पर हुआ, जिसने कहा कि वह इन लोगों के बीच असुरक्षित महसूस कर रहा है. अखबार ने कहा कि ब्रिगेडियर सहित समूह के सभी सदस्यों को विमान से बाहर ले जाया गया. उनसे पूछताछ की गई और फिर छोड़ा गया.
मार्च में पाकिस्तानी सांसदों के समूह को अमेरिका की यात्रा से वापस बुलाया गया था क्योंकि न्यू ऑर्लीन्स जाते वक्त उन्हें वॉशिंगटन एयरपोर्ट पर अतिरिक्त सुरक्षा जांच के लिए रोका गया था.
अमेरिका पाकिस्तान को आंतकवाद के खिलाफ लड़ाई में अहम साझीदार के तौर पर देखता है. लेकिन दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर मतभेद लगातार बने हुए हैं. सुरक्षा सहयोग और राहत सहायता पहुंचाने के मुद्दे से लेकर कई मामलों में मतभेद हैं. 2001 के बाद से अमेरिका ने पाकिस्तान को तालिबान के खिलाफ लड़ाई में अरबों डॉलर की सहायता की है.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः वी कुमार