'पुलिसवालों ने ही किया बलात्कार और कत्ल'
१८ जून २०११राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की टीम मामले की जांच करने लखीमपुर खीरी के निघासन पुलिस स्टेशन गई. आयोग ने पीड़ित परिवार से बातचीत की, घटनास्थल का भी दौरा किया. मौके पर ही टीम ने बलात्कार और हत्याकांड का आरोप पुलिस पर लगाया. जांच के बाद आयोग इस नतीजे पर पहुंचा कि पुलिकर्मियों ने बलात्कार के बाद बच्ची का गला घोंट दिया और फिर शव को पेड़ से लटका दिया.
आयोग बच्ची के शव के पंचनामे, एफआईआर और केस डायरी की जांच के बाद इस नतीजे पर पहुंचा. आयोग के अधिकारी आरडी चंद्रदास के मुताबिक वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी पुलिसकर्मियों ने खुद को बचाने के लिए सबूत नष्ट किए.
मामले को आत्महत्या जैसा दिखाने के लिए आरोपियों ने बच्ची के शव को पेड़ से लटका दिया. फांसी के लिए बच्ची के दुपट्टे का इस्तेमाल किया गया. जांचकर्ताओं ने पाया कि फांसी की गांठ ढीली थी. जिस डाल पर शव लटका था उसकी ऊंचाई सिर्फ पांच फुट थी, इतना ही नहीं बच्ची के पांव जमीन पर मुड़े हुए थे.
दस जून को हुई इस वारदात की जांच सीबी-सीआईडी कर रही है. शुरू में राज्य की मायावती सरकार पर मामले को दबाने के आरोप लगे. राज्यपाल ने मामले में दखल देते हुए राज्य सरकार से वारदात की पूरी जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा है. पीड़ित परिवार मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहा है. इस संबंध में इलाहाबाद हाई कोर्ट में चार जुलाई को सुनवाई है. उस दिन सीबी-सीआईडी को अदालत में प्रगति रिपोर्ट भी पेश करनी है.
रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह
संपादन: उभ